कृषि, मुख्य रूप से प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई उपायों की घोषणा की। राज्य में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के प्रयास में मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक रूप से उगाए जाने वाले गेहूं के लिए एमएसपी 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये और मक्का के लिए 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये करने की घोषणा की।
सुखू ने कहा, “भारत हल्दी का सबसे बड़ा उपभोक्ता, उत्पादक और निर्यातक है। यहां उगाई जाने वाली हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है और इस क्षेत्र में प्राकृतिक हल्दी के उत्पादन में आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर है।” उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले में एक मसाला पार्क स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि कृषि विभाग के तहत सभी सरकारी खेतों को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जाएगा। सीएम ने कहा, “इसके अलावा, आगामी वित्तीय वर्ष में एक लाख अतिरिक्त किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।”
सीएम ने उन किसानों के लिए ‘कृषि ऋण ब्याज अनुदान योजना’ की भी घोषणा की, जिनकी जमीन नीलाम होने के कगार पर है। 3 लाख रुपये के कृषि ऋण को चुकाने के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत मूल राशि पर ब्याज का 50 फीसदी हिस्सा सरकार वहन करेगी। सीएम ने कहा कि ऊना जिले में 20 करोड़ रुपये की लागत से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने गाय के दूध का एमएसपी 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये तथा भैंस के दूध का एमएसपी 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये किया। पशुपालन के क्षेत्र में अन्य प्रमुख घोषणाओं में ऊन के उचित रखरखाव के लिए बनूरी, पालमपुर में स्टोर का निर्माण, दुग्ध समितियों के लिए मालभाड़ा अनुदान 1.5 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये करना शामिल है।
बागवानी के लिए, बागवानों को उनकी उपज के विपणन, प्रसंस्करण आदि में सुविधा प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। साथ ही, चालू 114 लिफ्ट सिंचाई योजनाओं को इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा। साथ ही, बागवानी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए डिजिटल एग्रीटेक सेवाएं बनाई जाएंगी।
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