चम्बा के बालू स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) में महिला प्रशिक्षुओं के लिए एचआईवी/एड्स पर एक विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसका प्रबंधन भारतीय स्टेट बैंक द्वारा किया जाता है।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हरित पुरी ने कहा कि एचआईवी/एड्स एक लाइलाज बीमारी है और इसके प्रति जागरूकता और रोकथाम इलाज से बेहतर है।
डॉ. पुरी ने एचआईवी/एड्स के फैलने के कारणों और इस रोग से बचने के लिए सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सभी को अपने स्वास्थ्य की निगरानी के लिए नियमित रूप से स्वेच्छा से एचआईवी परीक्षण कराने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि जिले में गर्भवती महिलाओं के लिए एचआईवी परीक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चंबा, भरमौर, किहार और चौवाड़ी में स्थित एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्रों (आईसीटीसी) में निशुल्क एचआईवी परीक्षण सेवाएं उपलब्ध हैं, तथा विभाग द्वारा इसकी गोपनीयता बनाए रखी जाती है।
डॉ. पुरी ने कहा कि 15 से 49 वर्ष की आयु के लोग एचआईवी से सबसे अधिक प्रभावित हैं और इस आयु वर्ग ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस जनसांख्यिकी पर रोग का प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था को बाधित कर सकता है।
इसलिए, उन्होंने लोगों से आईसीटीसी केंद्रों पर उपलब्ध निःशुल्क एचआईवी परीक्षण सेवाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए लोग किसी भी समय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा उपलब्ध कराए गए टोल-फ्री नंबर 1097 पर कॉल कर सकते हैं।