संसद में ‘चुनाव सुधारों’ की चर्चा के बावजूद विपक्षी पार्टियां लगातार निर्वाचन आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमलावर हैं। इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने फिर से कहा कि चुनाव आयोग बिल्कुल भाजपा के इशारे पर चल रहा है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि वह सभी टिप्पणियों को संज्ञान में लेकर उस पर कार्रवाई करे।
उन्होंने कहा, “यह अच्छी बात है कि इस मुद्दे पर खुली चर्चा हो रही है। कई सदस्यों ने बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं। मैं चाहता हूं कि चुनाव आयोग और अधिक पारदर्शी और सक्रिय संस्था बने, न कि कानूनी तकनीकी बातों और प्रक्रियाओं के पीछे छिपे। चुनाव आयोग को कम अपारदर्शी, अधिक पारदर्शी, संवादशील और सुझावों को स्वीकार करने वाला होना चाहिए, ताकि चुनावी प्रक्रिया और अधिक निष्पक्ष हो सके।”
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने आरोप लगाए कि चुनाव आयोग भाजपा का गुलाम बन चुका है। उन्होंने कहा, “चुनाव सुधार पर चर्चा, इसलिए जरूरी थी कि चुनाव आयोग बिल्कुल भाजपा के इशारे पर चल रहा है। चुनाव आयोग इतने राज्यों में एसआईआर जल्दी में करा रही है। क्या इन्हें पता नहीं था कि 2026 में इन राज्यों में चुनाव है?”
सुष्मिता देव ने कहा, “आप एक महीने में ही एसआईआर कराकर जनता के ऊपर डाल रहे हैं। मतदाता सूची की समीक्षा हो सकती है, लेकिन आप क्या प्रक्रिया अपना रहे हैं? हम सुप्रीम कोर्ट गए, आधार कार्ड का ऑर्डर लेकर आए।” वहीं, कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के सवालों का चुनाव आयोग जवाब नहीं देता है, बल्कि उसकी जगह भाजपा जवाब देने आती है। इसीलिए हमारा आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करता है और उस पार्टी को जिताने में मदद करता है।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ‘चुनाव सुधार’ की बात कहते हैं। उन्होंने सबूत के साथ बात रखी है। कर्नाटक, हरियाणा और महाराष्ट्र का आंकड़ा निकालकर दिया है कि इतनी फर्जी वोट बनी हैं। लोगों के नाम दो-दो सौ बार दर्ज हैं। एक ही घर में पांच-पांच सौ लोगों के रहने का रिकॉर्ड दिखाया गया है।”


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