करनाल की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) टीम ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक राजीव कुमार को कथित तौर पर 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
खराजपुर गांव निवासी विकास शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी रजनी और उनके भाई विक्रम कुमार राशन डिपो चलाते हैं। डिपो इंस्पेक्टर राजीव कुमार और कुंजपुरा ब्लॉक के सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (एएफएसओ) अमन कुमार के अधिकार क्षेत्र में संचालित होता है। शर्मा ने आरोप लगाया कि हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्लूसी) गोदाम के माध्यम से उनके राशन डिपो में घटिया गेहूं की आपूर्ति की गई थी। घटिया गुणवत्ता वाला स्टॉक मिलने के बाद उन्होंने विभाग में शिकायत दर्ज कराई।
इस शिकायत के बाद 28 जनवरी को इंस्पेक्टर राजीव कुमार और एएफएसओ अमन कुमार निरीक्षण के लिए राशन डिपो पर पहुंचे। इसके बाद 31 जनवरी 2025 को अमन कुमार ने शिकायतकर्ता को फोन करके राजीव कुमार से करनाल में मिलकर मामले को सुलझाने को कहा। शिकायतकर्ता को नयाल गांव बुलाया गया, जहां राजीव कुमार ने कथित तौर पर उस पर दबाव बनाया और कहा कि अगर राशन डिपो निरीक्षण के दौरान कोई प्रतिकूल रिपोर्ट लिखी गई तो उसके डिपो की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। इसके बाद इंस्पेक्टर ने 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी और शिकायतकर्ता से 5,000 रुपये लिए, जो एटीएम से निकाले गए।
रिश्वत का कुछ हिस्सा मिलने के बाद भी राजीव कुमार ने कथित तौर पर जोर दिया कि 5,000 रुपये अभी भी बकाया हैं। इसके अलावा, उन्होंने डिपो पर लगभग 570 क्विंटल राशन वितरित करने के लिए 12 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 6,850 रुपये का कमीशन मांगा। कुल मिलाकर, इंस्पेक्टर ने रिश्वत के तौर पर 10,000 रुपये मांगे।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी करनाल की टीम ने जाल बिछाया और विभाग के कुंजपुरा कार्यालय में निरीक्षक राजीव कुमार को शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। करनाल के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाने में निरीक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
राजीव कुमार 8 जनवरी 2025 को विभाग के कुंजपुरा कार्यालय में तैनात हुए थे। 2 जनवरी 2025 को एसीबी करनाल की टीम ने एएफएसओ राजेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर नीरज और रिटायर्ड कर्मचारी रामचंद्र को भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इन कर्मचारियों पर राशन डिपो धारकों से मासिक रिश्वत वसूलने का आरोप था।
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