उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने घोषणा की है कि जिले के प्रत्येक गांव में स्वयंसेवकों के सहयोग से रेडक्रॉस सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोहतक राज्य का पहला जिला होगा, जिसके प्रत्येक गांव में इस प्रकार के केन्द्र होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्रों की स्थापना के बाद, प्रत्येक गांव में विकलांगता जांच शिविर, विकलांग लोगों के लिए सहायता और 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण जैसी पहल की जाएंगी।
डीसी ने कहा कि रेड क्रॉस समिति और जिला प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी विकलांग व्यक्ति, बुजुर्ग व्यक्ति या युवा को रेड क्रॉस से संबंधित सेवाओं के लिए शहरों में जाने की आवश्यकता न पड़े। प्रत्येक गांव में निःस्वार्थ सेवा के लिए स्वयंसेवक नियुक्त किए जाएंगे।
खडगटा ने कहा, “ग्राम स्तर पर सेवा केन्द्रों की स्थापना से 18 वर्ष से अधिक आयु के युवा अपने गांव में ही प्राथमिक चिकित्सा गृह नर्सिंग प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, विकलांग व्यक्तियों का पंजीकरण भी गांव स्तर पर किया जाएगा, जिन्हें उपकरण की आवश्यकता होगी।”
इसके बाद सूची को रेड क्रॉस समिति के साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “केंद्रों पर रक्तदाताओं का पंजीकरण भी किया जाएगा और गांव स्तर पर रक्त शिविर आयोजित किए जाएंगे। गांवों में विकलांगता जांच शिविर, स्वास्थ्य शिविर, आंखों की जांच और प्राथमिक चिकित्सा गृह नर्सिंग प्रशिक्षण जैसी अन्य गतिविधियां शुरू की जाएंगी।”
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