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यमुनानगर में पहली बार शराब की दुकान आवंटियों को आईटी रिटर्न जमा कराने को कहा गया

For the first time in Yamunanagar, liquor shop allottees were asked to submit IT returns.

यमुनानगर, 8 जून हरियाणा सरकार ने पहली बार शराब की दुकानों के आवंटियों के लिए परिचालन शुरू करने से पहले पिछले तीन कर निर्धारण वर्षों के आयकर रिटर्न (आईटीआर) दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है।

आबकारी नीति में बड़े संशोधन आवंटी को अपनी न्यूनतम 60 लाख रुपये की निवल संपत्ति के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। ठेकेदार अपने कर्मचारियों या अन्य व्यक्तियों के नाम पर शराब की दुकानें नहीं ले सकेंगे। परिचालन शुरू करने के लिए दस्तावेज जमा करें

आबकारी नीति में ये दोनों संशोधन पहली बार किए गए हैं। इसलिए किसी भी आवंटी को अपने जोन में शराब की दुकान चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह आबकारी विभाग को आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करवाता। – कृष्ण कुमार, उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त, यमुनानगर

इसके अलावा, विक्रेता आवंटियों को भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के साथ पंजीकृत चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित न्यूनतम 60 लाख रुपये की अपनी निवल संपत्ति के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

इसे आबकारी नीति में एक बड़ा संशोधन माना जा रहा है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि ठेकेदार अपने कर्मचारियों या अन्य व्यक्तियों के नाम पर शराब की दुकानें नहीं ले सकेंगे।

हरियाणा में इन दिनों शराब जोन (दुकानों का समूह) की नीलामी चल रही है। जानकारी के अनुसार, नवंबर 2023 में यमुनानगर और अंबाला जिलों में जहरीली शराब कांड हुआ था, जिसमें यमुनानगर जिले में 18 और अंबाला जिले में दो लोगों की जान चली गई थी।

पीड़ितों ने कथित तौर पर नकली शराब पी थी, जो यमुनानगर जिले में एक खुदरा शराब की दुकान से खरीदी गई थी और उक्त शराब की दुकान एक शराब ठेकेदार के कर्मचारी के नाम पर थी।

सूत्रों ने बताया कि शराब कारोबार में ठेकेदारों ने मुख्य रूप से दो परिस्थितियों में अन्य व्यक्तियों के नाम पर दुकानें लीं।

एक सूत्र ने बताया, “पहला, अगर कोई ठेकेदार लाइसेंस फीस की किश्तें जमा करने में विफल रहा। दूसरा, जब कोई व्यक्ति टेंडर प्रक्रिया में भाग लेता है, लेकिन शराब की दुकानें पाने में विफल रहता है। ऐसी परिस्थितियों में, असफल बोलीदाता सफल बोलीदाताओं से हाथ मिला लेता है।”

आबकारी नीति में इन संशोधनों के बाद अब शराब के कारोबार के लिए पूर्व में अपनाई जा रही ये प्रथाएं बंद हो जाएंगी।

यमुनानगर के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त कृष्ण कुमार ने कहा, “आबकारी नीति में ये दो संशोधन पहली बार किए गए हैं। इसलिए, किसी भी आवंटी को अपने क्षेत्र में शराब की दुकानें चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह आबकारी विभाग को आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करवाता।”

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