माले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इसमें दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
यह चर्चा समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त पहल, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के साझा लक्ष्य पर केंद्रित थी।
बैठक के बाद विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ एक बहुत अच्छी बैठक हुई। भारतीय-मालदीव रक्षा, सुरक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त पहल और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के हमारे साझा हितों पर चर्चा हुई है।”
इससे पहले उन्होंने माले के लोनुजियाराय पार्क में एक प्रतीकात्मक वृक्षारोपण समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण एवं ऊर्जा मंत्री थोरिक इब्राहिम के साथ, कैरॉम्बोला (स्टार फ्रूट) पौधा लगाया। यह आयोजन भारत और मालदीव के बीच स्थायी संबंधों के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए अपनी यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला था। उन्होंने कहा था, “यह यात्रा इस बात का जायजा लेने का अवसर है कि हमारे देशों ने एक साथ क्या हासिल किया है? साथ ही यह आने वाले वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी खाका तैयार करने का भी अवसर है। मैं आश्वस्त हूं, वास्तव में बहुआयामी साझेदारी होगी।”
उन्होंने भारत की विदेश नीति में मालदीव के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा, “मालदीव हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति की आधारशिलाओं में से एक है, यह हमारे ‘विजन सागर’ में से एक है। साथ ही ग्लोबल साउथ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों को संक्षेप में कहें तो, भारत के लिए पड़ोस प्राथमिकता है, और पड़ोस में मालदीव प्राथमिकता है।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने दोनों देशों के सामने आने वाली आम चुनौतियों और उनके रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “पड़ोसी के रूप में, हम एक समान चुनौतियों का सामना करते हैं और क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने में हमारे साझा हित हैं। हमारे रक्षा और सुरक्षा सहयोग का उद्देश्य कई साझा चुनौतियों का सामना करना है, और मैं इसके लिए तत्पर हूं।”
भारत और मालदीव के बीच मजबूत संबंधों के बारे में विदेश मंत्री ने कहा, “मालदीव के साथ भारत की साझेदारी एक-दूसरे के कल्याण और हितों के लिए मिलकर काम करने की हमारी गहरी इच्छा पर आधारित है। यह एक ऐसी साझेदारी है जिसने हमें हमेशा तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाया है।”
बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार शाम मालदीव पहुंचे। इसी साल जून में विदेश मंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है।