चंडीगढ़, 31 जनवरी
पंजाब न केवल सबसे अधिक छात्रों को विदेश भेज रहा है, बल्कि देश में दूसरे सबसे अधिक विदेशी छात्रों को आवास भी दे रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा कराए गए 11वें अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2020-21 में यह तथ्य सामने आया। सर्वेक्षण के अनुसार, देश में उच्च शिक्षा में नामांकित विदेशी छात्रों की कुल संख्या 48,035 है। पंजाब के उच्च शिक्षण संस्थानों में 13.65 प्रतिशत विदेशी छात्र नामांकित हैं। सबसे अधिक विदेशी छात्र कर्नाटक (8,137), उसके बाद पंजाब (6,557), महाराष्ट्र (4,912), उत्तर प्रदेश (4,654), तमिलनाडु (3,685), दिल्ली (2,809), गुजरात (2,646), आंध्र प्रदेश ( 2,385) और ओडिशा (2,180)।
पंजाब में विदेशी छात्रों के लिंग-वार ब्रेक-अप में, 3,551 पुरुष और 1,376 महिला छात्र हैं।
विदेशी छात्रों का सबसे अधिक हिस्सा पड़ोसी देशों से आता है जिसमें नेपाल का योगदान 28.25 प्रतिशत है, इसके बाद अफगानिस्तान 8.4 प्रतिशत, बांग्लादेश 5.7 प्रतिशत और संयुक्त राज्य अमेरिका 5.1 प्रतिशत है।
जिन शीर्ष 10 देशों से छात्र भारत आते हैं उनमें संयुक्त अरब अमीरात (4.8 प्रतिशत), भूटान (3.8 प्रतिशत), सूडान (3.3 प्रतिशत), नाइजीरिया (2.9 प्रतिशत), तंजानिया (2.7 प्रतिशत) और यमन शामिल हैं। (2.3 प्रतिशत)। इन शीर्ष 10 देशों से आने वाले छात्रों की संख्या महिला छात्रों की संख्या से अधिक है।
जब भारत में विदेशी छात्रों के बीच अध्ययन के अनुशासन की बात आती है, तो बी.टेक सबसे पसंदीदा है। सर्वेक्षण के अनुसार, ऐसे 13 कार्यक्रम हैं जिनमें प्रत्येक में 1,000 से अधिक विदेशी छात्र हैं और 75 प्रतिशत से अधिक विदेशी छात्र हैं।
देश में, बीटेक (11,245 छात्र) में सबसे अधिक छात्र नामांकित हैं, इसके बाद बीएससी (3,439), बीबीए (3,314), बीकॉम (2,605), बीई (2,541), एमबीए (2,099), बीफार्मा (2,021) और बीसीए हैं। (1,918)। बीए में 51.6 प्रतिशत महिला छात्रों के साथ कुल 1,817 छात्र हैं। एमबीबीएस में 944 छात्र हैं और पीएचडी में 1,444 छात्र हैं।
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