वाराणसी, 25 मार्च । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में वन विभाग टाइगर सफारी की तर्ज पर डॉल्फिन सफारी बनाने जा रहा है। वन विभाग ने इसका प्लान तैयार किया है। देशी-विदेशी पर्यटक नाव से डॉल्फिन सफारी कर सकेंगे। डीएफओ स्वाति ने आईएएनएस से इस परियोजना को लेकर बात की।
वन विभाग के अनुसार, गंगाजल की गुणवत्ता में सुधार से वाराणसी शहर से दूर कैथी से ढकवां गांव के बीच गंगा में डॉल्फिन की संख्या बढ़कर 50 से ज्यादा हो गई है। डॉल्फिन परिवार को सब करीब से देख पाएंगे।
डॉल्फिन सफारी के बारे में डीएफओ स्वाति ने सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमने आज इस परियोजना को लॉन्च किया है और जल्द ही एक पोर्टल पेश करेंगे, जहां पर्यटक और पर्यावरण के प्रति उत्साही लोग लॉग इन कर सकते हैं और सुबह की मुफ्त डॉल्फिन सवारी का आनंद ले सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि परियोजना पर काम महीनों से चल रहा था। बोलीं, ” हमारी योजना हर सुबह 6-7 बजे के बीच ये सवारी आयोजित करने की है, क्योंकि यह डॉल्फिन देखने का सबसे अच्छा समय है। अगर सुबह के वक्त में पर्यटकों का संख्या में इजाफा होगा तो इसे शाम में भी शुरू करेंगे। फिलहाल, अभी सुबह में ही पर्यटक सवारी का आनंद ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर काम दो महीने पहले शुरू किया गया था। विभाग अपनी नाव से लोगों को डॉल्फिन सफारी की सैर कराएगा।”
आखिर सफारी की प्रक्रिया क्या होगी? इस पर उन्होंने कहा, “एक बार में 6 से 7 पर्यटक नौका में सफर कर सकते हैं। इससे पूर्व उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा जिसके लिए विभाग की ओर से जल्द ही वेबसाइट बनाई जाएगी। उम्मीद है कि डॉल्फिन सफारी से ढकवां प्वाइंट के टूरिज्म में बढ़ोतरी मिलेगी। वाराणसी की गंगा नदी में कितनी संख्या में डॉल्फिन हैं। इस बारे में कोई पर्याप्त आंकड़ा फिलहाल मौजूद नहीं है।
स्वाति के मुताबिक काशी में डॉल्फिन की संख्या काफी बढ़ी है और इसका सीधा संबंध गंगा जल की गुणवत्ता में सुधार से है।
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