पानीपत जिले के चुलकाना स्थित श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर के मामलों के प्रबंधन के लिए श्री खाटू श्याम बाबा श्राइन बोर्ड की स्थापना कानूनी परेशानियों में फंस गई है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा हरियाणा बाबा श्री खाटू श्याम चुलकाना धाम श्राइन विधेयक, 2025 को मंजूरी दिए जाने के अगले दिन, कल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी कर संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे पर “अंतिम निर्णय न लेने” का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 19 मई के लिए सूचीबद्ध कर दी।
श्री श्याम मंदिर सेवा समिति, चुलकाना धाम ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि समिति को सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना ही मंदिर का प्रबंधन और कब्जा अधिकारियों द्वारा अपने हाथ में ले लिया गया है।
अदालत चाहती थी कि “अगली तारीख को जिम्मेदार अधिकारी द्वारा एक विशिष्ट हलफनामा भी दाखिल किया जाए, जिसमें यह खुलासा किया जाए कि जीटी रोड से मंदिर तक जाने वाली सड़क की री-कारपेटिंग पूरी हो गई है या नहीं”।
मंत्रिमंडल ने कल तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने तथा तीर्थस्थल की परिसंपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से तीर्थस्थल बोर्ड की स्थापना के लिए विधेयक पारित किया।
हर साल हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से लाखों श्रद्धालु और तीर्थयात्री विशेष धार्मिक अवसरों पर मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। इसके अलावा, प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। श्री श्याम बाबा मंदिर के अलावा, धाम के परिसर में भगवान हनुमान, भगवान कृष्ण, भगवान बलराम, भगवान शिव परिवार और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।
पिछले कई वर्षों में सरकार ने श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, पंचकूला; श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड, गुरुग्राम; श्री कपाल मोचन; श्री बद्री नारायण; श्री मंत्रा देवी; तथा श्री केदार नाथ श्राइन बोर्ड, यमुनानगर की स्थापना करके प्रमुख तीर्थस्थलों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।