पूर्व वित्त मंत्री और हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संपत सिंह ने आरोप लगाया है कि 10 वर्षों में पहली बार हरियाणा में 36 लाख से अधिक पेंशन लाभार्थियों को वित्तीय सहायता में वार्षिक वृद्धि से वंचित किया गया है। सिंह ने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान पेंशन प्राप्तकर्ताओं, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं और बच्चों तथा दिव्यांग व्यक्तियों सहित विभिन्न श्रेणियों के 36,46,742 व्यक्तियों को 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है।
सिंह ने कहा, “2014 से हरियाणा सरकार हर साल पेंशन में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। हालांकि, आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है।” उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच पेंशन में सालाना 200 रुपये की बढ़ोतरी की गई और 2019 से 2024 तक यह बढ़ोतरी 250 रुपये प्रति माह की गई। उन्होंने कहा कि 2025 में बढ़ोतरी न होना पहले से ही उच्च मुद्रास्फीति से जूझ रहे पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा झटका है।
सिंह ने कहा, “ये लोग वित्तीय सहायता के सबसे ज़्यादा हकदार हैं, फिर भी सरकार इस साल उन्हें राहत देने में विफल रही है, जिससे उनकी आर्थिक मुश्किलें और बढ़ गई हैं।” उन्होंने मांग की कि पेंशन में 1,000 रुपये प्रति महीने की बढ़ोतरी की जाए।
सिंह ने छात्रवृत्ति वितरण में देरी की भी आलोचना की तथा बताया कि प्रधानमंत्री यशस्वी घटक (ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए) के अंतर्गत पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित 40 करोड़ रुपये जारी नहीं किए गए हैं।