हिमाचल प्रदेश के कसौली में शुक्रवार को 14वें खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव की शुरुआत हुई। इस अवसर पर रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने पाकिस्तान के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाने का आह्वान किया। उन्होंने देश में जेनरेशन जेड की उथल-पुथल के प्रति भी आगाह किया।
खुशवंत सिंह के प्रसिद्ध उपन्यास ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ को याद करते हुए दुलत ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि दोनों पक्षों के बीच, चाहे क्रिकेट के मैदान पर हो या कूटनीतिक मंच पर, गर्मजोशी से हाथ मिलाना चाहिए।
दुलत ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच काफ़ी समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। लेकिन जब भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा, सीमा पार बातचीत ने ख़तरे को कम करने में मदद की।” उन्होंने याद दिलाया कि 1999 में कारगिल युद्ध के बाद भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ को आगरा में बातचीत के लिए आमंत्रित किया था।
दुलत ने कहा, “वाजपेयी अच्छी तरह जानते थे कि मुशर्रफ पाकिस्तानी सेना के प्रमुख और कारगिल घुसपैठ के मास्टरमाइंड थे, लेकिन उनका मानना था कि सीमा पार वार्ता जारी रहनी चाहिए।” क्रिकेट के मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव पर दुलत ने कहा कि खेल की गरिमा बरकरार रखी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर आप पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहते, तो मत खेलिए। लेकिन अगर आप मैच खेल रहे हैं, तो हाथ मिलाना कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।” जनरेशन जेड का जिक्र करते हुए दुलत ने कहा कि हालांकि इस समय यह एक कमजोर संभावना लगती है, लेकिन लद्दाख में हाल ही में हुआ हंगामा देश के लिए एक चेतावनी संकेत है।
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