मंगलवार को राजभवन में केंद्र शासित प्रदेशों समेत 15 राज्यों का स्थापना दिवस “एक भारत श्रेष्ठ भारत” मनाया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का प्राथमिक लक्ष्य राज्यों के बीच परस्पर संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। शुक्ला ने कहा, “भागीदारी के माध्यम से राज्यों को अपनी संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को एक-दूसरे के साथ साझा करने का अवसर मिलता है।” इससे नागरिकों, खासकर युवाओं को बेहतर समझ के साथ अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने में मदद मिलती है, जिससे राष्ट्रीय बंधन मजबूत होता है।
राज्यपाल ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भाईचारे, अखंडता और राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना को मजबूत करना तथा राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने वाले लोगों के प्रयासों को मान्यता प्रदान करना है।
इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी मौजूद थीं। उन्होंने 15 राज्यों के नागरिकों को सम्मानित भी किया।
शुक्ला ने कहा कि “एक भारत श्रेष्ठ भारत” सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक एकीकृत, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भारत का विज़न है। “यह हमें सिखाता है कि जब हम एक साथ खड़े होते हैं, तो हम अपने सपनों को हासिल कर सकते हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमें इस पहल की भावना को अपनाना चाहिए, यह समझते हुए कि अंत में भारतीयों के रूप में हमारी साझा पहचान ही सबसे ज़्यादा मायने रखती है,” उन्होंने कहा।
शुक्ला ने कहा कि हम किसी भी राज्य, समुदाय, जाति या पंथ से संबंधित हों, लेकिन हम सबसे पहले भारतीय हैं और समाज के सभी वर्गों को जागरूक करना तथा एकता और प्रेम का संदेश फैलाना आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के मिलन कार्यक्रम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की अवधारणा को साकार करते हैं।
कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पांडिचेरी, तमिलनाडु, पंजाब, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख से आए लोगों ने भाग लिया। उन्होंने राज्यपाल से बातचीत की तथा हिमाचल प्रदेश में अपने अनुभव साझा किए तथा उन्हें अपने राज्यों की संस्कृति और रीति-रिवाजों के बारे में भी जानकारी दी।
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