गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत में उच्च तकनीक वाली फोरेंसिक जांच वैन की तैनाती से हरियाणा में अपराधों की जांच और अधिक तेज और स्मार्ट हो गई है।
गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू), गांधीनगर द्वारा उपलब्ध कराए गए ये मोबाइल फोरेंसिक प्रयोगशालाएं मौके पर साक्ष्य विश्लेषण करने और प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्नत उपकरणों से सुसज्जित हैं।
फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने ऐसी ही एक वैन का निरीक्षण करने के बाद कहा, “नए कानून का उद्देश्य त्वरित गति से न्याय प्रदान करना है, जो तभी संभव है जब फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट जल्दी मिले। अगर यह वैन अपराध स्थल पर मौजूद हो तो तुरंत नमूने लिए जा सकेंगे और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दी जा सकेगी।”
वैन में ड्रग्स, विस्फोटक, फिंगरप्रिंट, पैरों के निशान, डीएनए का पता लगाने के लिए किट हैं, तथा इसमें महत्वपूर्ण साक्ष्य को संरक्षित करने और रिकॉर्ड करने के लिए रेफ्रिजरेटर, जनरेटर और वीडियो कैमरा भी शामिल है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह वैन फोरेंसिक लैब का मोबाइल संस्करण है। घटनास्थल पर ही रक्त या अन्य साक्ष्य के नमूने एकत्र किए जाएंगे और उन्हें उचित तरीके से संरक्षित किया जाएगा। पहले, देरी के कारण नमूने खराब हो जाते थे। अब, रेफ्रिजरेशन और सीलबंद भंडारण के साथ, ऐसे मुद्दों का समाधान हो गया है।”
वैन में मादक पदार्थ और विस्फोटक परीक्षण उपकरण, रासायनिक अवशेष विश्लेषक और वीर्य, रक्त और मानव लार का परीक्षण करने के लिए उपकरण भी हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें कई तरंगदैर्घ्य वाले प्रकाश स्रोत लगे हैं, जो मौके पर ट्रेस साक्ष्य का पता लगाने और जांच करने में मदद करते हैं।
वैन पर लगे कैमरे अपराध स्थल पर पहुंचते ही रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं, जिससे दस्तावेजीकरण और पारदर्शिता दोनों में मदद मिलती है। इस उन्नयन से हरियाणा पुलिस को आपराधिक जांच की गति और सटीकता में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।