कांग्रेस नेता उदित राज ने मतदाता सूची में व्यापक धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उदित राज ने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में वही गड़बड़ियां हो रही हैं, जो पहले कर्नाटक और महाराष्ट्र में देखी गई थीं।
उन्होंने कहा कि एसआईआर में उसी तरह की धोखाधड़ी की जा रही है, जैसी कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई थी। एसआईआर के बाद प्रकाशित सूची में एक ही पते पर पंजीकृत विभिन्न समुदायों के कई मतदाता दिखाई देते हैं। राहुल गांधी ने गुरुवार को इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया। मतदाता चोरी हो रही है।
उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में 40 लाख अतिरिक्त वोट जोड़े गए थे, जिसके जरिए चुनाव जीता गया। इसके अलावा, एक लोकसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोटों में हेराफेरी का आरोप लगाया गया। यह मुद्दा सिर्फ किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि पूरे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था से जुड़ा है।
उदित राज ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां आठ करोड़ की आबादी के लिए एसआईआर का काम एक महीने में पूरा करने का दावा किया गया, जो अव्यवहारिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने 70-80 प्रतिशत फर्जी फॉर्म भरे और एक ही कमरे में बैठकर 20-50 मतदाताओं के फॉर्म तैयार किए गए।
उन्होंने सवाल उठाया कि बिना पर्याप्त दस्तावेजों के इतनी बड़ी संख्या में मतदाता कैसे पंजीकृत किए गए। उन्होंने यह भी पूछा कि 65 लाख लोगों के मृत होने या छोड़ देने का क्या प्रमाण है। बिहार में एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूची पूरी तरह फर्जी है और इसमें कोई भी ब्योरा दुरुस्त नहीं है। इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई हर नागरिक की जिम्मेदारी है। सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर आगे आना चाहिए।
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