हैदराबाद, 6 जनवरी। तेलंगाना के पूर्व मंत्री मल्ला रेड्डी पर उनकी जमीनें हड़पने का आरोप लगाते हुए लोगों के एक समूह ने शुक्रवार को प्रजा वाणी कार्यक्रम के दौरान यहां प्रजा भवन में विरोध-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता ने दुलापल्ली में मल्ला रेड्डी विश्वविद्यालय के पास उनकी जमीन हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए।
पीड़ितों ने कहा कि 360 भूखंडों में से मल्ला रेड्डी और उनके सहयोगियों ने 130 पर कब्जा कर लिया है।
उन्होंने वर्तमान ए. रेवनाथ रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार से उन्हें न्याय दिलाने का आग्रह किया।
मल्ला रेड्डी, जो पिछली बीआरएस सरकार में मंत्री थे, अब हैदराबाद के बाहरी इलाके मेडचल मल्काजगिरी जिले में मेडचल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए, पीड़ितों ने उपमुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास प्रजा भवन के सामने विरोध-प्रदर्शन किया, जहां सरकार हर मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित प्रजा वाणी कार्यक्रम के दौरान लोगों की शिकायतें सुनती है।
श्री मल्लिकार्जुन सागर वेलफेयर एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के बैनर पर लिखा था, ‘मल्ला रेड्डी की भूमि हड़प के पीड़ित’।
एक महिला ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने 1990 में प्लॉट खरीदा था और जब भी वह निर्माण करने की कोशिश करतीं, कुछ लोग उसे अपनी जमीन बताकर उन्हें रोक रहे थे।
एक अन्य पीड़ित ने कहा कि वह कई वर्षों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले महीने, मल्काजगिरी के केशवराम गांव में 47 एकड़ आदिवासी भूमि पर कथित रूप से कब्जा करने के मामले में पुलिस ने मल्ला रेड्डी और सात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
शिकायतकर्ता केथवथ बिक्षापति ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने चुनाव अवधि के दौरान धोखाधड़ी और साजिश द्वारा उनकी पैतृक जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और जब्त कर लिया।
जमीन बिक्षापति की मां के नाम पर दर्ज थी। हालांकि, शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों ने उसे और उसके परिवार के सदस्यों को धोखा दिया और उनकी 47 एकड़ जमीन हस्तांतरित कर ली।
हालांकि, मल्ला रेड्डी ने जमीन हड़पने के आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
बीआरएस नेता एक निजी विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों सहित शैक्षणिक संस्थानों की एक श्रृंखला चलाते हैं।
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