N1Live Entertainment ‘भाग मिल्खा भाग’ से ‘रंग दे बसंती’ तक, एंटरटेनमेंट के साथ सोशल मैसेज देने वाले फिल्ममेकर
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‘भाग मिल्खा भाग’ से ‘रंग दे बसंती’ तक, एंटरटेनमेंट के साथ सोशल मैसेज देने वाले फिल्ममेकर

From 'Bhaag Milkha Bhaag' to 'Rang De Basanti', filmmakers who give social messages along with entertainment

‘रंग दे बसंती’ हो या ‘भाग मिल्खा भाग’, ये फिल्में अलग ही मैसेज देती हैं। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में दमदार, मजेदार और शानदार कहानियों के साथ ही संवेदनशील निर्देशन से दर्शकों का दिल जीतने वाले राकेश ओमप्रकाश मेहरा का 7 जुलाई को जन्मदिन है।

1963 में दिल्ली में जन्मे राकेश मेहरा ने न केवल भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी, बल्कि अपनी फिल्मों के जरिए देश की भावनाओं को भी आवाज दी। ‘रंग दे बसंती’, ‘भाग मिल्खा भाग’ और ‘दिल्ली-6’ जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने साबित किया कि फिल्म सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने का एक सशक्त साधन भी है।

राकेश के बचपन के बारे में बात करें तो वह दिल्ली की गलियों में गुजरा। उनके पिता नई दिल्ली के एक होटल में कर्मचारी थे, परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही राकेश में क्रिएटिविटी का बीज अंकुरित हुआ। स्कूल के दिनों में वह ड्रामा और कल्चरल इवेंट्स में हिस्सा लेते थे। लेकिन, उनका पहला प्यार था स्पोर्ट्स। उन्हें स्विमिंग बेहद पसंद थी।

1982 में जब भारत एशियन गेम्स की मेजबानी कर रहा था, तब 19 साल के राकेश ने स्विमिंग में हिस्सा लिया। मेडल जीतने का सपना आंखों में लिए वह फाइनल राउंड तक पहुंचे, लेकिन चयनित नहीं हो सके। इसने उन्हें झकझोर कर रख दिया।

खेल के मैदान से निकलकर राकेश ने विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा। 1980 के दशक में उन्होंने सैकड़ों विज्ञापन फिल्में बनाईं, जिनमें कई ब्रांड्स के लिए उनके काम को सराहना मिली। इस अनुभव ने उन्हें कहानी कहने का हुनर सिखाया। साल 2001 में उन्होंने पहली फिल्म ‘अक्स’ बनाई, जिसमें अमिताभ बच्चन और मनोज बाजपेयी जैसे एक्टर्स लीड रोल में थे। फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन राकेश की निर्देशकीय प्रतिभा की झलक दिखाई दी।

साल 2006 में रिलीज हुई ‘रंग दे बसंती’ ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा को रातोंरात स्टार डायरेक्टर बना दिया। आमिर खान, सिद्धार्थ, शरमन जोशी, कुणाल कपूर, आर माधवन, सोहा अली खान जैसे सितारों से सजी यह फिल्म न केवल एक मनोरंजन से भरपूर कहानी थी, बल्कि देशभक्ति और सामाजिक बदलाव का एक मजबूत मैसेज भी देती है। उन्होंने यंग जनरेशन के बीच खासतौर पर छाप छोड़ी। फिल्म ने कई पुरस्कार जीते और राकेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

‘रंग दे बसंती’ के बाद साल 2013 में मेहरा की स्पोर्ट्स बायोपिक ‘भाग मिल्खा भाग’ आई, जो यादगार फिल्मों में से एक है। यह फिल्म भारतीय धावक मिल्खा सिंह की बायोपिक है, जिसमें फरहान अख्तर लीड रोल में हैं। राकेश ने इस फिल्म में मिल्खा सिंह के संघर्ष, हार-जीत को संवेदनशीलता और रोमांचक तरीके से पेश किया कि दर्शक इमोशनल हो उठे। फिल्म में खेल के प्रति राकेश का व्यक्तिगत लगाव भी झलकता है, इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते।

राकेश ने पत्नी और फिल्म एडिटर भारती मेहरा के साथ मिलकर कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया। भारती उनकी फिल्मों की एडिटिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में ‘दिल्ली-6’ और ‘मिर्ज्या’ शामिल हैं, जो भले ही व्यावसायिक रूप से उतनी सफल न रही हों, लेकिन उनकी कहानी और प्रस्तुति ने आलोचकों का ध्यान खींचा।

आज राकेश ओमप्रकाश मेहरा भारतीय सिनेमा के उन चुनिंदा निर्देशकों में से एक हैं, जो अपनी हर फिल्म में कुछ नया और अर्थपूर्ण विषय लेकर आते हैं। उनकी प्रोडक्शन कंपनी, रोमप पिक्चर्स, नए टैलेंट को मौका देने के लिए जानी जाती है। 62 साल की उम्र में भी राकेश की क्रिएटिविटी कम नहीं हुई है। वह लगातार नई कहानियों पर काम कर रहे हैं।

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