N1Live Haryana चित्रों से लेकर पेंटिंग तक: रंग सृजन कला की शक्ति को प्रदर्शित करता है
Haryana

चित्रों से लेकर पेंटिंग तक: रंग सृजन कला की शक्ति को प्रदर्शित करता है

From drawings to paintings: color creation demonstrates the power of art

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में रचनात्मकता का उत्सव सोमवार को विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग द्वारा आयोजित ‘रंग-सृजन’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में कला की शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए चित्रों, कलात्मक रचनाओं और दृश्य कृतियों की एक समृद्ध प्रस्तुति पेश की गई।

इस दो दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन एमडीयू के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने किया, जिन्होंने विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मकता को अपनाने और अभिव्यक्त करने के लिए प्रेरित किया।

अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कला की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि यह आत्म-अभिव्यक्ति के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है, जो व्यक्तियों को अपनी भावनाओं, संवेदनाओं और कल्पनाओं को व्यक्त करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, “कला करुणा और सहानुभूति व्यक्त करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है और कलात्मक कार्यों के माध्यम से सार्थक सामाजिक संदेश संप्रेषित किए जा सकते हैं।”

एक प्रमुख घोषणा में कुलपति ने दृश्य कला विभाग को और अधिक सहायता एवं संवर्द्धन देने के लिए विश्वविद्यालय के भीतर एक कला संग्रहालय बनाने की योजना का खुलासा किया।

इस कार्यक्रम में विश्व रानन निर्मल और डॉ. एस.के. कुशवाहा सहित अन्य सम्मानित अतिथि उपस्थित थे, जिन्होंने रचनात्मकता को बढ़ावा देने के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

प्रोफेसर रणदीप राणा, डीन (छात्र कल्याण) और “रंग महोत्सव” के संयोजक ने स्वागत भाषण दिया और विविध और जीवंत गतिविधियों पर प्रकाश डाला, जिसने इस कार्यक्रम को कला और संस्कृति का एक अनूठा उत्सव बना दिया।

राणा ने कहा, “रंग-सृजन रंग महोत्सव का एक अभिन्न अंग है, जिसे विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है।”

‘रंग-सृजन’ के संयोजक और दृश्य कला विभाग के प्रमुख संजय कुमार ने दो दिनों में आयोजित होने वाली विभिन्न कलात्मक गतिविधियों और कार्यशालाओं की रूपरेखा बताई, जिससे विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा और रचनात्मक अन्वेषण में संलग्न होने के अवसर मिलेंगे

Exit mobile version