पाकिस्तान को बेनकाब करने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अनिवार्यता की जानकारी देने के लिए भारत के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को कतर की राजधानी दोहा पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने किया। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन भी शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने कतर की शूरा काउंसिल (संसद) से मुलाकात की, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का मजबूत और एकीकृत संदेश दिया गया और परिषद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के महत्व के बारे में भी जानकारी दी गई।
वी. मुरलीधरन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “हमारा सर्वदलीय उच्च संसदीय प्रतिनिधिमंडल चार देशों की यात्रा पर है। अपने दौरे के पहले चरण में अब कतर की राजधानी दोहा पहुंचा है। आज, हमारी शूरा परिषद के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ बहुत ही सार्थक और सौहार्दपूर्ण बैठक हुई।”
उन्होंने कहा कि इस बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने शूरा परिषद को भारत में हो रही घटनाओं, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के कारण पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के बारे में बताया। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को पूरी तरह समाप्त करना होगा।
उन्होंने कहा कि कतर भी इस विचार का समर्थन करता है कि आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता होनी चाहिए। बैठक में यह विचार सामने आया कि दुनिया भर के सभी देशों को एकजुट होकर और मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा, चाहे वह कहीं भी हो।
इससे पहले, सुप्रिया सुले ने कहा कि कतर संसद के सभी सदस्य भारत के समर्थन में खड़े हैं और उन्होंने एक आम राय व्यक्त की कि आतंकवाद को उसके स्रोत से ही उखाड़ फेंकना चाहिए। कतर के सांसदों ने आतंकवाद को रोकने और भ्रष्टाचार पर शून्य सहिष्णुता की नीति बनाए रखने के मामले में भारत के समान विचार साझा किए।
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