March 6, 2025
National

अमृत से कम नहीं है गजपीपल, आयुर्वेद से लेकर आधुनिक शोध भी मान चुके हैं इसके गुणों का लोहा

Gajpipal is no less than nectar, Ayurveda and modern research have also acknowledged its qualities

यह पिप्पली है लेकिन आकार में थोड़ी बड़ी, इसलिए नाम दिया गया है गजपीपल। यह एक बहुत ही प्रभावी और प्रसिद्ध औषधि है! इसे गजा पिप्पली और सिंधेप्सस ऑफिसिनेलिस के नाम से भी जाना जाता है।

गजपीपल का पौधा भारत में ऐसी जगहों पर पाया जाता है जहां हर समय मौसम एक जैसा रहता है। यह एक लताधारी पौधा है, जो बड़े आकार में बढ़ता है। इसके पत्ते चमड़े जैसे और फूल छोटे, बेलनाकार होते हैं। इसका फल चव्य कहलाता है, जो लाल रंग का और तीखे स्वाद वाला होता है। इसके बीज में अद्भुत औषधीय गुण होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में इस फल को विशेष महत्व दिया गया है, और इसे शरीर के विभिन्न विकारों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

प्राचीन ग्रंथों जैसे सुश्रुत संहिता में गजपीपल के गुणों का विस्तार से वर्णन किया गया है। सुश्रुत संहिता में इसे कफ और वात दोष को संतुलित करने वाली औषधि के रूप में बताया गया है। तासीर गर्म होती है, और यह शरीर के अंदर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा, यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाने, भूख को बढ़ाने और पेट के कीड़ों को नष्ट करता है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है, जिससे व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है।

यह आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, गजपीपल का चूर्ण खांसी और श्वास रोगों के इलाज में बहुत प्रभावी होता है। गजपीपल के चूर्ण को शहद के साथ लेने से खांसी में राहत मिलती है, और यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा, आमातिसार (आंवयुक्त दस्त) और पेट दर्द के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

गजपीपल के औषधीय गुणों पर किए गए बहुत से शोध बताते हैं कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी जैसे गुण होते हैं। इसके अर्क में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक यौगिक शरीर में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि उत्पन्न करते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं और एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।

गजपीपल के बारे में किए गए शोध से यह भी सामने आया है कि यह लीवर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। लीवर की खराबी से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन गजपीपल का सेवन लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, जिससे शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा, यह रक्त परिसंचरण को भी सुधारता है और शरीर में सूजन को कम करता है, जिससे व्यक्ति को शारीरिक दर्द और परेशानी से राहत मिलती है।

अद्भुत गुणों की खान है ये। इसके बावजूद सेवन सही मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह से करना चाहिए। अत्यधिक सेवन गर्म प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में अधिक गर्मी पैदा कर सकता है। इसका इस्तेमाल सावधानी से और सही मार्गदर्शन में करना चाहिए।

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