वाराणसी, 7 अगस्त । पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से सभी नदियां उफान पर हैं। धार्मिक नगरी काशी में गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है। गंगा किनारे बने सभी 84 घाट पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमो घाट’ पर भी गंगा का पानी पहुंच गया है।
सावन के महीने में देशभर से श्रद्धालु और पर्यटक काशी आते हैं, लेकिन बाढ़ के कारण वे इस बार काफी निराश नजर आ रहे हैं। गंगा का जलस्तर 68.09 मीटर पर पहुंच गया है जो चेतावनी के स्तर से करीब दो मीटर नीचे और खतरे के निशान से करीब तीन मीटर नीचे है। जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
गुजरात से आये बज्जू ने कहा कि जलस्तर बढ़ने से थोड़ी परेशानी तो हो रही है, लेकिन यहां घूमने में बहुत मजा आ रहा है। एक घाट से दूसरे घाट पर जाने में दिक्कत हो रही है। साथ ही जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से नावें भी नहीं चल रही हैं, जिसकी वजह से गंगा में सैर का मजा नहीं ले पा रहे हैं।
सूरत से आए पर्यटक अशोक ने बताया कि नावें नहीं चल रही हैं और नदी के पास नहीं जाने दिया जा रहा है।
बता दें कि दशाश्वमेध घाट पर होने वाली आरती अब छत पर की जा रही है जबकि अस्सी घाट पर शाम की आरती को उसके मूल स्थान से हटाकर बनारस की कंक्रीट की चौकी पर कर दिया गया है। काशी के सभी 84 घाटों के बीच संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। अगर इसी गति से गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो अगले दो-तीन दिनों में गंगा का पानी घाटों के ऊपर सड़कों तक पहुंच सकता है।
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