N1Live World अमेरिकी सरकारी विभाग के अभियोग में गौतम अदाणी और भतीजे सागर अदाणी पर लेन देन का आरोप नहीं
World

अमेरिकी सरकारी विभाग के अभियोग में गौतम अदाणी और भतीजे सागर अदाणी पर लेन देन का आरोप नहीं

Gautam Adani and nephew Sagar Adani are not accused of any transaction in the indictment of the US government department.

 

नई दिल्ली, अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओजे) द्वारा दायर अभियोग में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी, भतीजे सागर अदाणी और सीनियर एग्जीक्यूटिव विनीत जैन पर गलत तरीके से लेन देन का कोई आरोप नहीं है। यह जानकारी ग्रुप की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) द्वारा स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई।

 

अपनी फाइलिंग में, एजीईएल ने अदाणी अधिकारियों के खिलाफ लेन देन और भ्रष्टाचार के आरोपों पर विभिन्न मीडिया हाउस द्वारा की गई खबरों को ‘गलत’ बताया।

अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने एक्सचेंज पर दायर किए बयान में कहा,”कई मीडिया आर्टिकलों में कहा गया है कि हमारे कुछ निदेशकों, जिसमें गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन शामिल हैं, पर अभियोग में यूएस फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (एफसीपीए) के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। यह बयान गलत है।”

आगे कहा, “गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर यूएस डीओजे के अभियोग या यूएस एसईसी की नागरिक शिकायत में निर्धारित मामलों में एफसीपीए के उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।”

अमेरिकी डीओजे अभियोग पत्र में पांच आरोप हैं। इनमें से किसी में भी गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन का कोई उल्लेख नहीं हैं और न ही उन्हें पहले आरोप “एफसीपीए का उल्लंघन करने की साजिश” में शामिल किया गया है और न ही इन तीनों का नाम पांचवें आरोप “न्याय में बाधा डालने की साजिश” में शामिल किया गया है।

लेन देन के आरोपों से संबंधित अभियोग की पहली धारा में केवल एज्योर पावर और सीडीपीक्यू (एक कनाडाई संस्थागत निवेशक और एज़्योर का सबसे बड़ा शेयरधारक) के रंजीत गुप्ता, सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल शामिल हैं। डीओजे ने इसमें अदाणी के किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया है।

अदाणी के अधिकारियों पर केवल कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी साजिश, कथित वायर धोखाधड़ी साजिश, और कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी के लिए आरोप लगाए गए हैं।

डीओजे के अभियोग में अदाणी ग्रुप के अधिकारियों द्वारा भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का कोई सबूत नहीं दिया गया है। अभियोग और शिकायत केवल इस दावे पर आधारित है कि रिश्वत देने का वादा किया गया था या इस पर चर्चा की गई थी।

अमेरिका की बेबुनियाद कार्रवाई और लापरवाही पूर्ण झूठी रिपोर्टिंग के कारण भारतीय कारोबारी समूह को गंभीर परिणाम भुगतने पड़े, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का रद्द होना, वित्तीय बाजार पर प्रभाव और रणनीतिक साझेदारों, निवेशकों और आम जनता की ओर से अचानक जांच होना।

अदाणी समूह भारत का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेयर है, जिसका वैश्विक ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़ा कारोबार है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय समूह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने परिचालन का विस्तार कर रहा है और अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, इज़राइल, ऑस्ट्रेलिया आदि में कई अमेरिकी और चीनी संस्थाओं के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

यूएस डीओजे के अभियोग के कारण समूह को अपनी 11 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में लगभग 55 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

 

Exit mobile version