December 20, 2025
National

फेमा उल्लंघन में जेनपैक्ट इंडिया को मिली क्लीन चिट, ईडी की मंजूरी के बाद आरबीआई ने जारी किया आदेश

Genpact India gets clean chit in FEMA violations, RBI issues order after ED’s approval

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत जेनपैक्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज मामले में कंपाउंडिंग ऑर्डर जारी किया है। यह आदेश 17 अक्टूबर को फेमा की धारा 15 के अंतर्गत पारित किया गया, जिसके बाद कंपनी के खिलाफ चल रही सभी कार्रवाई समाप्त हो गई है।

आरबीआई के अनुसार, यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से ‘नो ऑब्जेक्शन’ मिलने के बाद पारित किया गया। इससे पहले ईडी को मिली विश्वसनीय जानकारी के आधार पर जेनपैक्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ फेमा के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की गई थी।

जांच पूरी होने के बाद ईडी ने 16 अक्टूबर 2018 को फेमा की धारा 16 के तहत निर्णायक प्राधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत में फेमा के तहत दो प्रमुख उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया था। पहला उल्लंघन विदेशी निवेश से जुड़ा था, जिसमें फेमा 20/2000-आरबी के शेड्यूल-1 के पैरा 9(1)(ए) के तहत विदेशी इनवर्ड पेमेंट की रिपोर्टिंग में देरी पाई गई। इस देरी की कुल राशि 13.49 करोड़ रुपए बताई गई।

दूसरा उल्लंघन शेयर जारी करने के बाद फॉर्म एफसीजीपीआर दाखिल करने में देरी से जुड़ा था। यह भी फेमा 20/2000-आरबी के शेड्यूल-1 के पैरा 9(1)(बी) के अंतर्गत आता है और इसमें देरी की राशि 13.01 करोड़ रुपए आंकी गई। इन उल्लंघनों के चलते निर्णायक प्राधिकारी ने 17 अक्टूबर 2018 को कंपनी और उस समय कंपनी के कामकाज के लिए जिम्मेदार निदेशकों और अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बाद में, जेनपैक्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने फेमा की धारा 15 के तहत इन उल्लंघनों को कंपाउंड कराने के लिए आरबीआई के समक्ष आवेदन किया। आरबीआई के अनुरोध पर ईडी ने इस कंपाउंडिंग के लिए अपनी सहमति यानी ‘नो ऑब्जेक्शन’ दे दी।

इसके बाद आरबीआई ने 17 अक्टूबर 2025 को कंपाउंडिंग ऑर्डर जारी करते हुए कंपनी पर एकमुश्त 4,72,490 रुपए का भुगतान तय किया। इस भुगतान के साथ ही जेनपैक्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ फेमा के तहत चल रही सभी न्यायिक और प्रशासनिक कार्रवाई पूरी तरह समाप्त हो गईं।

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