नई दिल्ली, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज सातवें इंटरगवर्नमेंटल कंसल्टेशन (आईजीसी) के लिए गुरुवार रात नई दिल्ली पहुंचेंगे। 24-26 अक्टूबर की यात्रा के दौरान उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री भी उनके साथ होंगे।
स्कोल्ज, इससे पहले दो बार- पिछले साल फरवरी 2023 में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा और सितंबर 2023 में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन- में भाग लेने के लिए भारत आ चुके हैं।
वह शुक्रवार को जर्मन चांसलर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे जिसके बाद दोनों नेता 18वें एशिया प्रशांत जर्मन बिजनेस सम्मेलन (एपीके 2024) का उद्घाटन करेंगे और उसे संबोधित करेंगे। सम्मेलन में जर्मनी, भारत और अन्य देशों के लगभग 650 शीर्ष बिजनेस लीडर और सीईओ भाग लेंगे।
जर्मनी और इंडो-पैसिफिक के देशों के व्यापारिक नेताओं, अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के लिए द्विवार्षिक कार्यक्रम से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसके बाद, सरकार के प्रमुखों की अध्यक्षता में गवर्नमेंट कंसल्टेशन में सभी प्रतिभागियों का एक संयुक्त पूर्ण सत्र होगा। आईजीसी एक संपूर्ण सरकारी ढांचा है, जिसके तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपनी-अपने क्षेत्रों को लेकर चर्चा करते हैं और अपने विचार-विमर्श के परिणामों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और चांसलर को देते हैं।
विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया, “दोनों नेता सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाने, प्रतिभाओं की आवाजाही के लिए अधिक अवसर, गहन आर्थिक सहयोग, हरित और सतत विकास साझेदारी और उभरती और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। चर्चाएं महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी केंद्रित होंगी।”
इसके बाद जर्मन चांसलर शनिवार को गोवा की यात्रा करेंगी, जहां जर्मन नौसैनिक फ्रिगेट ‘बाडेन-वुर्टेमबर्ग’ और लड़ाकू सहायता जहाज ‘फ्रैंकफर्ट एम मेन’ जर्मनी की हिंद-प्रशांत तैनाती के हिस्से के रूप में एक निर्धारित बंदरगाह पर रुकेंगे।
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