गाजियाबाद, 2 दिसंबर। पिछले महीने 29 अक्टूबर को जिला जज कोर्ट में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में गाजियाबाद के हापुड़ चुंगी चौराहे पर शनिवार को अधिवक्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाई। यह विरोध प्रदर्शन वकीलों के प्रति पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार के खिलाफ था।
इस घटना ने वकीलों के बीच गुस्से की लहर पैदा की और उन्होंने अपनी एकता और विरोध प्रकट करने के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया। इस तरह के प्रदर्शन से वकील न्यायिक स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा की आवाज उठा रहे हैं।
वकीलों पर शुक्रवार को दर्ज हुए मुकदमे के विरोध में तय किया गया है कि सोमवार को अधिवक्ता मानव श्रृंखला बनाकर कविनगर थाने जाकर गिरफ्तारी देंगे। जिन वकीलों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, वह भी गिरफ्तारी देंगे साथ ही अन्य अधिवक्ता भी थाने पहुंचकर पुलिस को गिरफ्तारी देंगे।
बार एसोसिएशन ने एक अधिवक्ता को कार्य करता पाए जाने पर सदस्यता निरस्त करते हुए नोटिस जारी कर दो दिसंबर को जवाब मांगा है।
बार एसोसिएशन सचिव अमित नेहरा के मुताबिक वकीलों पर आंदोलन के दौरान फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। शुक्रवार को ही कविनगर थाने में 44 नामजद और करीब 80 अज्ञात अधिवक्ताओं पर केस दर्ज किया गया है। बार एसोसिएशन इसका विरोध करता है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के जिला कोर्ट में 29 अक्टूबर को पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है था। इसमें देखा जा सकता है कि 20 से 35 पुलिसकर्मी कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज कर रहे थे। इस लाठीचार्ज में कई वकील चोटिल भी हो गए। इस घटना के बाद कोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच तनाव बढ़ गया है। बड़ी संख्या में वकील प्रदर्शन कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि जब तक मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक उनका यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि पुलिस और वकील में इस तरह का संघर्ष देखने के लिए मिला है। इससे पहले भी कई मौकों पर विभिन्न राज्यों में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच मारपीट का मामला सामने आ चुका है।
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