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गाजीपुर पुलिस ने फर्जी हस्ताक्षर और स्टाम्प बनाने वाले दो शातिर अपराधियों को किया गिरफ्तार

Ghazipur police arrested two criminals who were making fake signatures and stamps.

उत्तर प्रदेश में गाजीपुर पुलिस ने दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी हस्ताक्षर और स्टाम्प पेपर बनाने का कारोबार चला रहे थे।

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गाजीपुर के केशव काम्प्लेक्स में एक दुकान चल रही है, जहां पर फर्जी हस्ताक्षर कर स्टाम्प पेपर तैयार किए जाते हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दुकान पर छापा मारा और वहां से भारी मात्रा में जाली स्टाम्प और संबंधित उपकरण बरामद किए।

यह कार्रवाई थाना गाजीपुर और पूर्वी जोन की क्राइम सर्विलांस टीम की संयुक्त पुलिस कार्रवाई में की गई। पुलिस ने दुकान पर तलाशी ली, तो वहां मैनुअल स्टाम्प (10 से 500 रुपए के विभिन्न मूल्य), ई-स्टाम्प (10 से 100 रुपए के विभिन्न मूल्य), नोटरी रबड़ स्टाम्प, मोहरें, लैपटॉप, प्रिंटर, मॉनीटर, सीपीयू, की-बोर्ड और माउस जैसी वस्तुएं बरामद की गईं।

पुलिस ने मौके पर दुकान के मालिक सीतानाथ रथ और दीपक सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी हस्ताक्षर और रबर स्टाम्प का इस्तेमाल करके स्टाम्प पेपर बेचते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम सीतानाथ रथ (48 वर्ष) और दीपक सिंह (52 वर्ष) हैं। सीतानाथ रथ का आपराधिक इतिहास भी है, जिसमें पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वे दोनों एक साथ मिलकर इस फर्जी कारोबार को चला रहे थे।

पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को धारा 319(2), 318(4), 338 और 336(3) के तहत गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस टीम अब अन्य थानों और जिलों से इन अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाने में जुटी है। इसके साथ ही इनके साथी और कहां-कहां इस तरह फर्जी हस्ताक्षर और स्टाम्प बनाने का काम कर रहे हैं, उनकी भी तलाश की जा रही है।

बरामद किए गए सामान में मैनुअल और ई-स्टाम्प, नोटरी हस्ताक्षरित पन्ने और रबड़ स्टाम्प की मोहरे शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए किया जाता था।

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