N1Live Himachal आशा की किरण जगाते हुए मंत्री ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को सहायता देने का वादा किया
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आशा की किरण जगाते हुए मंत्री ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को सहायता देने का वादा किया

Giving a ray of hope, the minister promises to provide aid to flood-affected families

शहरी एवं नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कल मंडी जिले के सेराज विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। मंत्री ने चल रहे राहत एवं पुनर्वास प्रयासों का आकलन किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी चिंताओं को सुना और उनका दुख साझा किया।

थुनाग विश्राम गृह में स्थानीय अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ आयोजित एक समीक्षा बैठक में, धर्माणी ने हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं से हुए व्यापक नुकसान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों के विस्तृत दौरे के बाद, राज्य सरकार ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के लिए जिला प्रशासन को तत्काल 7 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की है।

मंत्री ने घोषणा की कि जिन परिवारों के घर नष्ट हो गए हैं, उन्हें घर के पुनर्निर्माण के लिए 7-7 लाख रुपये दिए जाएँगे। इसके अतिरिक्त, पशुधन के नुकसान के लिए 50,000 रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि उपायुक्त के माध्यम से सभी उप-जिला अधिकारियों को पहले ही वितरित की जा चुकी धनराशि के माध्यम से अंतरिम राहत शीघ्र प्रदान की जा रही है।

उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सभी प्रभावित गाँवों में खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है और विस्थापित परिवारों के लिए राहत शिविरों में आश्रय और भोजन की व्यवस्था की गई है। एक नए नीतिगत निर्णय के तहत बेघर ग्रामीण परिवारों को अस्थायी आवास सुनिश्चित करने के लिए 5,000 रुपये प्रति माह का किराया भत्ता दिया जाएगा।

धर्माणी ने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और पूरे क्षेत्र में पर्याप्त मशीनरी तैनात की गई है। बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम भी प्रगति पर है, जंजैहली क्षेत्र में 117 बिजली ट्रांसफार्मर पहले ही पुनः स्थापित और चालू कर दिए गए हैं।

राजस्व विभाग को घरों, बागों, फसलों और पशु आश्रयों को हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। भारी मलबे और रुकावटों के कारण, कई प्राकृतिक जलमार्ग (नाले) अवरुद्ध हो गए हैं और उनका स्तर ऊँचा हो गया है।

इन नालों को चैनलाइज करने के लिए सर्वेक्षण कार्य चल रहा है तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रस्तुत करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।

आपदा क्षेत्रों में अपने स्थलीय दौरे से पहले, धर्माणी ने बग्सियाड़ स्थित फार्मेसी कॉलेज में निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण किया। उन्होंने 36 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे प्रशासनिक भवन और 9 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बालिका छात्रावास को हुए नुकसान का आकलन किया। उन्होंने क्रमशः 1.40 करोड़ रुपये और 1.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित टाइप-1 और टाइप-2 छात्रावासों, तथा 1.30 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्माणाधीन प्रधानाचार्य आवास की स्थिति का भी जायजा लिया।

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