N1Live National महाराष्ट्र में गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा देना छत्रपति शिवाजी की उज्जवल परंपरा का संवाहक : प्रेम शुक्ल
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महाराष्ट्र में गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा देना छत्रपति शिवाजी की उज्जवल परंपरा का संवाहक : प्रेम शुक्ल

Giving cow the status of 'State Mother' in Maharashtra is the carrier of the bright tradition of Chhatrapati Shivaji: Prem Shukla

नई दिल्ली, 30 सितंबर। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार द्वारा गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा देने के निर्णय का स्वागत करते हुए भाजपा ने इसे छत्रपति शिवाजी की उज्जवल परंपरा का संवाहक बताया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सबसे अधिक गौरव छत्रपति शिवाजी महाराज पर किया जाता है। ऐसे में जहां पर छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा हिंदवी स्वराज की स्थापना की गई हो, उस महाराष्ट्र में गाय को राज्य का प्राणी घोषित करना अत्यंत स्वागतयोग्य फैसला है।

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस और शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में यह फैसला तो दशकों पहले किया जाना चाहिए था। लेकिन, महाराष्ट्र में तो दशकों तक गौवध को प्रतिबंधित करने तक का साहस कांग्रेस और शरद पवार नहीं कर पाए थे। राज्य में देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद ही गौहत्या को प्रतिबंधित किया गया था। अब एकनाथ शिंदे की सरकार ने जिस तरह से गाय को राज्य का प्राणी घोषित किया है, वह छत्रपति शिवाजी की उज्जवल परंपरा का संवाहक है।

उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव की बात करने वाले कांग्रेस और शरद पवार को यह बताना चाहिए कि महाराष्ट्र में 1960 से लेकर 2024 के बीच में दर्जन भर के लगभग चुनाव हुए हैं। कई बार उनकी सरकारें रही हैं, उस समय किसी ने कांग्रेस या शरद पवार का हाथ पकड़ा हुआ था क्या? वे भी चुनाव से पहले इस तरह की घोषणा कर देते, लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया। मुस्लिम वोट बैंक और तुष्टिकरण के कारण, कांग्रेस कभी इस तरह का फैसला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने आगे कहा कि वैदिक काल से ही महाराष्ट्र में गायों के संरक्षण और संवर्धन की परंपरा रही है। मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और विदर्भ सहित राज्य के कई इलाकों में गायों का खासतौर से संरक्षण और संवर्धन किया जाता रहा है। छत्रपति शिवाजी के परिचय में भी उन्हें गौरक्षक और गौ प्रतिपालक कहा जाता है।

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