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ग्लोबल सिख काउंसिल ने पंजाब में पंजाबी शिक्षण की उपेक्षा की निंदा की

Global Sikh Council condemns neglect of Punjabi teaching in Punjab

चंडीगढ़, 9 नवंबर । निजी स्कूलों में पंजाबी की उपेक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए ग्लोबल सिख काउंसिल (जीएससी) ने गुरुवार को पंजाब में पंजाबी शिक्षण की उपेक्षा की निंदा की।

मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में जीएससी अध्यक्ष कंवलजीत कौर और सचिव हरसरन सिंह ने उनसे सभी स्कूलों, विशेषकर निजी प्रबंधन के तहत पंजाबी शिक्षा प्रदान करने और उपयोग करने पर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला भाषा अधिकारियों द्वारा अनिवार्य मासिक निरीक्षण और रिपोर्टिंग को लागू करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों और राज्य प्रशासनिक कार्यालयों में पंजाबी राजभाषा (संशोधन) अधिनियम 2008 और पंजाब लर्निंग ऑफ पंजाबी एंड अदर लैंग्वेजेज एक्ट 2008 को सक्रिय रूप से लागू करने की जरूरत पर जोर दिया।

जीएससी ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि भाषा अधिनियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों और कॉलेजों को गैर-अनुपालन तथा निर्धारित कानूनी प्रावधानों की अवहेलना के लिए विभिन्न दंडों का सामना करना चाहिए।

राज्य में पंजाबी भाषा और सिख धार्मिक पहचान पर धार्मिक रूप से प्रेरित हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए, जीएससी ने विशेष रूप से बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में एक निजी स्कूल में पंजाबी के बजाय हिंदी को लागू करने का विरोध करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की।

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