औषधीय गुणों से भरपूर गोखरू या ‘गोक्षुर’ उत्तर भारत मे बहुत मिलता है। आषाढ़ और श्रावण मास में प्राय हर प्रकार की जमीन उगने की क्षमता वाला गोखरू भूमि पर फैलने वाला छोटा प्रसरणशील क्षुप है जिसको आप सड़क किनारे भी उगता देख सकते हैं। गोखरू पर छोटे-छोटे पीले फूल खिलते हैं और छोटे आकार के कांटेदार फल लगते हैं, जो औषधि बनाने के काम आते हैं। यह हरियाणा, राजस्थान मे खासकर बहुत मिलता है। जानते हैं गोखरू के औषधीय गुणों के बारे में।
आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में बड़े पैमाने पर गोखरू का उपयोग किया जाता है। गोखरू का उपयोग अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद बाजार में गोखरू के फलों की बहुत मांग है। गोखरू मूत्र संबंधी, पुरुष स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य, पाचन और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है।
माना जाता है कि गोखरू मूत्रवर्धक गुणों के लिए मशहूर है। यह गुर्दे की पथरी को तोड़ने और मूत्र प्रवाह को बेहतर करने में बहुत मदद करता है। मूत्राशय के संक्रमण और मूत्र त्याग में जलन को भी कम करने में फायदेमंद है। इसके अलावा यह पुरुष स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है। गोखरू के इस्तेमाल से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पुरुषों में यौन शक्ति, ऊर्जा और प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।
इसके अलावा गोखरू ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और हृदय को मजबूत करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद सैपोनिन हृदय रोगों से बचाव में सहायक होते हैं। इसका सेवन जोड़ों के दर्द और गठिया में भी राहत दे सकता है। गोखरू पाचन को बेहतर करने में मदद करता है और कब्ज से परेशान मरीजों को इससे राहत दिलाता है। ऐसा बताया जाता है कि इसका इस्तेमाल त्वचा रोगों जैसे एक्जिमा और खुजली के इलाज के लिए भी किया जाता है।
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