फाइनेंशियल सर्विस फर्म प्रभुदास लीलाधर (पीएल) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, बिग टिकट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट जैसे हाईवे, रेलवे और बिजली विकास में केंद्र के पूंजिगत व्यय और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश से वित्त वर्ष 2025-2026 और उसके बाद भारत के अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हम पहले से ही रेलवे, रक्षा, बिजली, डेटा सेंटर के विकास में तेजी देख रहे हैं, जिसके क्रियान्वयन से वित्त वर्ष 2026 और उसके बाद विकास में तेजी आएगी।”
सरकार ने 2024-25 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपये का बड़ा आवंटन किया और 2025-26 के आगामी बजट में इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी बजट आर्थिक सुधार को आकार देने में सहायक होगा, जिसमें मुद्रास्फीति में कमी के साथ मध्यम वर्ग के खर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकास-संचालित फोकस की उम्मीद है।
इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और वित्तीयकरण जैसे क्षेत्र सुधार से लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए औद्योगिक विकास में उछाल सकारात्मक है, जो 6 महीने के उच्च स्तर को छू गया। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2024-25) के अक्टूबर महीने में 3.5 प्रतिशत की तुलना में नवंबर में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यह वृद्धि नवंबर 2023 में एक साल पहले दर्ज की गई 2.5 प्रतिशत की औद्योगिक वृद्धि से भी शानदार वृद्धि दर्शाती है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में तीन-चौथाई से अधिक योगदान देने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर अक्टूबर में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2024 में 5.8 प्रतिशत हो गई।
यह रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा संकेत है क्योंकि यह सेक्टर देश के इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों से निकलने वाले युवा स्नातकों को क्वालिटी जॉब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसके अलावा, आंकड़े बताते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन में 9 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है जिसका भविष्य में रोजगार और आय के सृजन पर प्रभाव पड़ता है।
नवंबर 2024 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट के उत्पादन में भी 13.1 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की हाई-कंज्यूमर डिमांड को दर्शाता है।
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