महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पानीपत में शुरू किया गया ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान राज्य के साथ उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
आज भिवानी में बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने दादा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल के महिला सशक्तिकरण के प्रगतिशील दृष्टिकोण को साझा किया, जिसे राज्य सरकार भी पूरा कर रही है।
एक निजी पल को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि जब करीब दो दशक पहले उनके पिता की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, तो उनके दादा ने सामाजिक मानदंडों को तोड़ते हुए उनके सिर पर पगड़ी बांधने का साहसिक कदम उठाया था, जो महिलाओं के लिए शक्ति और समानता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज समाज उस फैसले के महत्व को पहचानता है।
उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे समर्पण और निष्ठा के साथ काम करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी योजनाएं महिलाओं और बच्चों को वास्तव में लाभान्वित करें।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पहले 100 दिनों में बच्चों की देखभाल के लिए 324 क्रेच खोले गए। इसके अलावा, उन्होंने बजट में कर छूट की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने के केंद्र सरकार के फैसले का भी जिक्र किया, जिससे लोगों को काफी आर्थिक राहत मिली है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार ने भी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान और कुपोषण मुक्त पहल जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की। उन्होंने जरूरतमंद महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया।
इसके बाद, मंत्री ने भिवानी के वैश्य मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।