करनाल, 1 अगस्त पेंशन बहाली संघर्ष समिति (पीबीएसएस) के बैनर तले सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने बुधवार को सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर सीएम के शहर में आक्रोश मार्च निकाला। विभिन्न विभागों के प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कर्ण पार्क से लघु सचिवालय तक काले कपड़े पहनकर मार्च शुरू किया।
उन्होंने मांगें पूरी न होने पर 1 सितंबर को चंडीगढ़ में सीएम आवास का घेराव करने और लोकसभा चुनाव की तरह फिर से ‘पुरानी पेंशन योजना के लिए वोट’ शुरू करने की धमकी दी।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि वे 2018 से लगभग 2 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन बहाली और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम 1 सितंबर को पंचकूला में एक विरोध रैली करेंगे और चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी के आधिकारिक आवास पर जाएंगे।”
समिति के सदस्य बलजीत बेनीवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे कांग्रेस शासित राज्य ही ओपीएस को बहाल कर रहे हैं।
धारीवाल ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और सैनी ने सोमवार को अंबाला निकाय के प्रतिनिधियों की बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा,
‘जब सभी निर्वाचित प्रतिनिधि अपने कार्यकाल के आधार पर एक या अधिक पेंशन लेते हैं, तो 30 साल से अधिक सेवा में रहने वाले कर्मचारियों को पेंशन से वंचित क्यों किया जाना चाहिए?’
जिला समन्वयक पुष्पपाल कंबोज ने कहा कि अगर सरकार ओपीएस को लागू नहीं करती है, तो वे पुरानी पेंशन योजना के लिए मतदाता शुरू करके भाजपा का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, ‘अगर वह हमारी मांग मान लेती है, तो हम आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा का स्वागत करेंगे।’
जिला करनाल के उपाध्यक्ष राम बिलास शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को ओपीएस को बंद कर दिया था और राज्य सरकार ने इसे 1 जनवरी 2006 को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी मांगों के पूरा होने तक सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे।’ इस बीच, प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने शहीद उधम सिंह को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि दी।
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