हिमाचल प्रदेश किसान सभा और सेब उत्पादक संघ ने सोमवार को यहां कृषि भूमि से किसानों की बेदखली और भूमि के स्वामित्व के नियमन के मुद्दे पर राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में राज्य भर से करीब 400 किसान शामिल हुए।
भारतीय वन अधिनियम, 1927; वन संरक्षण अधिनियम, 1980; और वन अधिकार अधिनियम, 2006 पर चर्चा करते हुए, सेब उत्पादक संघ के राष्ट्रीय संयोजक राकेश सिंघा ने कहा कि किसानों के हित में इन कानूनों में संशोधन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों का पक्ष सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रभावी ढंग से रखने में विफल रही, जिससे किसानों को राहत मिल सकती थी।
सम्मेलन में 11 फरवरी को जिला स्तरीय बैठकें आयोजित करने तथा केंद्र एवं राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन के दौरान, भूमि अभिलेखों को अद्यतन कर किसानों के स्वामित्व को दर्शाने, वन भूमि को कृषि भूमि में बदलने आदि की मांग उठाई गई।
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