नई दिल्ली, 27 अक्टूबर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में की गई प्रमुख पहलों का उद्देश्य “विकसित भारत” को साकार करना है।
मीडिया से बात करते हुए जितेंद्र सिंह ने सरकार के साहसिक एवं रणनीतिक “विज्ञान प्रोत्साहन” के बारे में बताया, जिसमें बायोइकोनॉमी बनाने के उद्देश्य से बायो ई3 नीति पेश करने के लिए अंतरिक्ष स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष शुरू करना शामिल है।
मंत्री ने कहा, “अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में मोदी सरकार की प्रमुख पहल वैश्विक नवाचार मंच पर भारत की भूमिका को आगे बढ़ाने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की वैज्ञानिक क्षमता को बढ़ाने के अलावा यह पहल एक स्थायी, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था में भी योगदान देती है जो उद्योग और संसाधनों में वैश्विक बदलावों का सामना कर सकती है।
उन्होंने कहा कि यह पहल अंतरिक्ष अन्वेषण, जैव प्रौद्योगिकी और मौसम विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत के नेतृत्व को भी सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विशेष उद्यम पूंजी कोष भारत के लगभग 300 अंतरिक्ष स्टार्टअप के बढ़ते आधार का लाभ उठाने की एक व्यापक योजना का हिस्सा है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोलने के इस फैसले से “अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में उल्लेखनीय बदलाव” आया है। सिर्फ एक स्टार्टअप से शुरू होकर इस नीति ने “आज सैकड़ों अंतरिक्ष तकनीक कंपनियों वाला एक पारिस्थितिकी तंत्र” विकसित करने में मदद की है।
चंद्रयान-3 मिशन जैसी उपलब्धियों से भारत को मिली वैश्विक मान्यता का जिक्र करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
आगामी गगनयान अंतरिक्ष मिशन पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रगति का उद्देश्य “नवाचार, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ” अग्रणी होना है।
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव चालक दल वाला अंतरिक्ष मिशन होगा जिसे 2026 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
इसी प्रकार बायो ई3 नीति के साथ सिंह ने “जैव-संचालित” भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अगली औद्योगिक क्रांति पारंपरिक विनिर्माण की बजाय जैव-अर्थव्यवस्था पहलों से उत्पन्न होगी। सरकार “समावेशी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ” आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए “जैव प्रौद्योगिकी क्षमता का दोहन” कर रही है।
सिंह ने मिशन मौसम पर महत्वपूर्ण अपडेट की भी घोषणा की, जो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन के भीतर शुरू की गई एक पहल थी, जिसका उद्देश्य मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की सटीकता को बढ़ाना था।