हिमाचल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई की तारीख तक या उससे पहले स्कूलों के नाम तथा उनके लिए बजटीय आवंटन की जानकारी सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत करते हुए नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य में सरकारी स्कूलों के रखरखाव के संबंध में सरकार द्वारा दायर निर्देशों का अध्ययन करने के बाद यह आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि “हालांकि राज्य ने 2 और 3 दिसंबर, 2024 के निर्देशों को रिकॉर्ड में रखा है, लेकिन इनमें कोई विवरण नहीं है, क्योंकि इनमें उन स्कूलों के नाम नहीं दर्शाए गए हैं जिनके लिए मरम्मत के लिए जिलेवार बजटीय प्रावधान किए गए हैं।
इसने राज्य को एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 18 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
अदालत ने स्कूलों के उचित रखरखाव से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।
कोर्ट ने अपने पहले के आदेश में सरकार से प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों का ब्यौरा मांगा था और पूछा था कि उनके रखरखाव के लिए सालाना बजट क्या है। आदेश के अनुपालन में उच्च शिक्षा निदेशक ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताया था कि 3,034 कक्षाओं में मामूली मरम्मत और 1,512 कक्षाओं में बड़ी मरम्मत की जरूरत है और सरकार ने 2023-24 के लिए 2.5 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।