मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि वन विभाग वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए), 1980 का उल्लंघन करके निर्मित 2,183 सड़कों को नियमित करने के लिए 10 मई से पहले अदालत में समीक्षा याचिका दायर करेगा।
सुखू ने यहां वन विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यापक जनहित में इन सड़कों के नियमितीकरण के लिए कानूनी रास्ता अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विभाग को इस संबंध में शीघ्र ही उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
राज्य में कुल 2,183 ऐसी सड़कें (शिमला जोन में 613, मंडी में 821, हमीरपुर जोन में 254 और कांगड़ा जोन में 495) चिन्हित की गई हैं। उन्होंने कहा, “ये सड़कें हिमाचल प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम (एफआरए), 2006 के लागू होने से पहले बनाई गई थीं, जो 2016 में लागू हुआ।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए), 1980 का उद्देश्य वनों में रहने वाले समुदायों को मान्यता प्रदान करना तथा उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है, जो वहां रह रहे हैं तथा कम से कम तीन पीढ़ियों से वनभूमि पर निर्भर हैं।
बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, सचिव विधि शरद कुमार लगवाल और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय सूद शामिल हुए।