शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को लेकर गुरुवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि सरकार राणा को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान फांसी पर लटका देगी।
संजय राउत ने कहा कि राणा को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उसे बिहार चुनाव के दौरान फांसी पर लटकाएगी।
उन्होंने कहा, “राणा को भारत लाने के लिए 16 साल लंबी लड़ाई चली और यह कांग्रेस के शासन के दौरान शुरू हुई। इसलिए राणा को वापस लाने का श्रेय किसी को नहीं लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि राणा भारत प्रत्यर्पित होने वाला पहला आरोपी नहीं है। अतीत में 1993 के सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अबू सलेम को भी भारत प्रत्यर्पित किया गया था।
राउत ने यह प्रतिक्रिया पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक राणा को दिल्ली लाए जाने के बाद दी।
राणा को भारतीय खुफिया और जांच अधिकारियों की संयुक्त टीम की निगरानी में एक विशेष विमान से लाया गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बयान में कहा कि 2008 की तबाही के पीछे कथित मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कठघरे में लाने के लिए वर्षों तक लगातार और ठोस प्रयासों के बाद प्रत्यर्पण हुआ।
बयान में कहा गया, “यूएसडीओजे, यूएस स्काई मार्शल की सक्रिय सहायता से, एनआईए ने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी के साथ मिलकर काम किया, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने मामले को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने के लिए अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया।”
राउत ने यह भी मांग की कि कुलभूषण जाधव को वापस लाया जाना चाहिए, जिन्हें 2016 में पकड़ा गया था और कथित जासूसी के लिए पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को मनगढ़ंत बताते हुए खारिज कर दिया है।
इस बीच, भाजपा सांसद अशोक चव्हाण ने कहा कि मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि 26/11 के हमलों की कड़वी यादें अभी भी भारतीयों, खासकर मुंबईवासियों के दिमाग में ताजा हैं।
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमला था। तहव्वुर राणा से पूछताछ से मुंबई हमले और कुछ अन्य आतंकवादी गतिविधियों के पीछे की साजिश पर और अधिक प्रकाश पड़ सकता है। इसलिए, राणा का प्रत्यर्पण न केवल कूटनीतिक बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी भारत के लिए एक बड़ी जीत है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी राणा की प्रत्यर्पण याचिका पर अनुकूल फैसला दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूटनीतिक और कानूनी मोर्चे पर इस मामले को अच्छे से संभाला है। चव्हाण ने यह भी कहा कि भारत पहले भी अबू सलेम, छोटा राजन और रवि पुजारी जैसे कई गैंगस्टरों को भारत लाने में सफल रहा है।
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