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नदी क्रूज पर्यटन के विकास पर 45 हजार करोड़ का निवेश करेगी सरकार

Government will invest Rs 45 thousand crore on the development of river cruise tourism

नई दिल्ली, 9  जनवरी  केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में सोमवार को कोलकाता में पहले अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद(आईडब्ल्यूडीसी) की बैठक में देश में नदी क्रूज पर्यटन के विकास के लिए 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई।

इस महत्वाकांक्षी आवंटन में अनुमानित 35 हजार करोड़ रुपये क्रूज़ जहाजों के लिए निर्धारित किया गया है, जबकि वर्ष 2047 तक क्रूज़ टर्मिनल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

सोनोवाल ने आईडब्ल्यूडीसी के उद्घाटन सत्र में ‘हरित नौका’ दिशानिर्देश और ‘नदी क्रूज पर्यटन रोडमैप, 2047’ भी लॉन्च किया।

सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, हम दुनिया की ब्लू इकोनॉमी में अग्रणी बनने की दिशा में काम कर रहे हैं, इसलिए अपार विकास क्षमता का एहसास होना चाहिए।”

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक में आठ जलमार्गों की वर्तमान परिचालन क्षमता से रिवर क्रूज़ पर्यटन के लिए उपयुक्त अतिरिक्त 26 जलमार्गों में क्षमता बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया। इसी दौरान रात्रि विश्राम वाले क्रूज सर्किट की संख्या 17 से बढ़ाकर 80 कर दी जाएगी।

अंतर्देशीय जलमार्गों में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के प्रयास में नदी क्रूज टर्मिनलों की संख्या मौजूदा 15 से बढ़ाकर 185 तक की जाएगी। संवर्धित सर्किट की क्षमता के आधार पर, रात्रि प्रवास के साथ क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक 5,000 से बढ़ाकर 1.20 लाख किया जाएगा।

इसी तरह, राष्ट्रीय जलमार्गों पर रात्रि विश्राम के बिना स्थानीय क्रूज पर्यटन यातायात को 2047 तक दो लाख से बढ़ाकर 15 लाख किया जाएगा।

सोनोवाल ने कहा कि ‘हरित नौका – अंतर्देशीय जहाजों के हरित संक्रमण के लिए दिशानिर्देश’ के लॉन्च के साथ, एमओपीएसडब्ल्यू हमारे अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए एक स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल भविष्य की दिशा में एक यात्रा की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि रोडमैप ने विभिन्न प्रकार के क्रूज के लिए 30 से ज्यादा अतिरिक्त संभावित मार्गों की पहचान की है, जिसमें सभी पर्यटक श्रेणियों को आकर्षित करने के लिए लंबे और छोटे, मनोरंजक और विरासत खंड शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे अतिरिक्त नदी परिभ्रमण के विकास को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए मार्ग विकास, विपणन रणनीति, बुनियादी ढांचे के विकास और नेविगेशन सहित एक कार्य योजना और रोडमैप भी तैयार है।

उन्होंने कहा कि जलमार्ग बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण प्रगति में वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनलों की स्थापना, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है।

मंत्री ने कहा, “कालूघाट इंटरमॉडल टर्मिनल निर्बाध परिवहन की सुविधा और व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त प्रगति कर रहा है। फरक्का में एक नए नेविगेशनल लॉक के पूरा होने से जलमार्ग नौवहन क्षमता में वृद्धि हुई है।”

उन्होंने कहा कि 60 से अधिक सामुदायिक घाटों का चल रहा निर्माण स्थानीय कनेक्टिविटी और पहुंच के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

उन्होंने कहा, “ये उपलब्धियां सामूहिक रूप से जलमार्ग बुनियादी ढांचे में दक्षता, कनेक्टिविटी और स्थानीय विकास को बढ़ावा देती हैं।”

उन्होंने कहा कि कार्गो व्यापार के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ाने की रणनीति के हिस्से के रूप में अक्टूबर 2023 में मुंबई में आयोजित ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) में 15 हजार 200 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया गया था।

उन्होंने कहा, “इससे 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दर्ज होने की संभावना है, जिससे 2047 तक मात्रा 50 करोड़ टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) तक बढ़ जाएगी।”

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