मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज भाजपा पर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा मामले को सीबीआई को सौंपने के आदेश के खिलाफ अपील नहीं करेगी।
सुक्खू ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विमल नेगी के परिवार ने कभी भी उनसे सीबीआई जांच के लिए संपर्क नहीं किया, जबकि वह स्वयं ही इसका आदेश दे देते। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करेगी तथा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।”
सुखू ने माना कि इस मामले में शीर्ष पुलिस अधिकारियों के बीच अंदरूनी कलह की भूमिका है। उन्होंने कहा कि मामले में हो रहे घटनाक्रम के बारे में हाईकोर्ट को लगातार जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्थिति की समीक्षा करने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी द्वारा मुख्य सचिव, डीजीपी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, दो उपायुक्तों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह फीडबैक लेंगे और उसके बाद निर्णय लेंगे।
सुखू ने कहा, “विमल नेगी की नियुक्ति 15 जून 2024 को एचपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में हुई थी, इसलिए मुझे नहीं पता कि नौ महीने के भीतर उन पर क्या दबाव रहा होगा। लेकिन मैं फिर से कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार चाहती है कि उनके परिवार को न्याय मिले।” उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर सहित भाजपा नेताओं को नेगी की मौत के कारणों की कोई चिंता नहीं है, क्योंकि वे केवल राजनीतिक लाभ पाने के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने में रुचि रखते हैं।
उन्होंने कहा, “जब तीन अधिकारियों की तीन रिपोर्ट में अलग-अलग तथ्य बताए गए, तो विमल नेगी के परिवार के लिए जांच पर संदेह करना स्वाभाविक है। मैंने डीजीपी अतुल वर्मा की सलाह को भी अस्वीकार कर दिया कि एक नई एसआईटी गठित की जाए और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने उन तीन अधिकारियों के बयानों को शामिल किया है जिनके खिलाफ नेगी के परिवार ने आरोप लगाए थे।”
सुक्खू ने माना कि डीजीपी और अतिरिक्त मुख्य सचिव ने महाधिवक्ता की जानकारी के बिना ही अदालत में हलफनामा दायर कर दिया था।
सुखू ने कहा कि जयराम ठाकुर को तथ्यों पर बात करनी चाहिए और मीडिया ट्रायल में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेखुबेला सौर ऊर्जा संयंत्र में भाजपा द्वारा दिसंबर 2024 में लगाए गए आरोपों का पूरा ब्यौरा विधानसभा में रखा गया।
उन्होंने हिमाचल सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक साजिश रचने के लिए राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन की भी आलोचना की। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में कितने न्यायाधीश होंगे: मुख्यमंत्री
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