कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आज कांगड़ा जिले के जवाली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 11 दिसंबर से तीन रुपये प्रति किलो की दर से गाय के गोबर के स्थान पर गोबर की खाद खरीदने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खाद के संग्रहण के लिए उचित प्रबंध किए हैं और शुरुआत में बागवानी और सेब की फसल के लिए खाद को 5 किलोग्राम, 10 किलोग्राम, 20 किलोग्राम, 50 किलोग्राम से लेकर 500 किलोग्राम के पैकेटों में उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बागवानी के लिए खाद को शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में बेचने की योजना बनाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि सरकार 12 रुपये किलो खाद बेचेगी। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में रिमोट सेंसिंग से मैपिंग करके भूमि उपयोग पैटर्न बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके तहत खेत के आकार और क्षमता के अनुसार खेती की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि विभाग ने अपने फील्ड स्टाफ के जरिए गोबर की खाद इकट्ठा करना शुरू कर दिया है और योजना की शुरुआत के मौके पर 11 दिसंबर को विक्रेताओं को भुगतान किए जाने की संभावना है। इसे 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले की गई एक और गारंटी की पूर्ति के तौर पर पेश किया जाएगा।
कांगड़ा के पालमपुर में कृषि विभाग के उप निदेशक कुलदीप धीमान ने ट्रिब्यून को बताया, “विभाग ने अपने फील्ड अधिकारियों से 3 रुपये प्रति किलो की दर से खाद या वर्मीकम्पोस्ट के रूप में गोबर की खाद इकट्ठा करने को कहा है। मैं सभी किसानों से अपील करता हूं कि वे अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में गोबर की खाद लेकर आएं और उन्हें तुरंत इसका भुगतान कर दिया जाएगा।”
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