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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दी लोहड़ी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को देश व प्रदेश के नागरिकों को लोहड़ी व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दी। उन्होंने प्रदेशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली व समृद्धि की प्रार्थना की।

उन्होंने हमारी संस्कृति में त्यौहारों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि त्यौहार एक ऐसी शक्ति के रूप में काम करते हैं जो सभी को एक साथ लाती है। मकर संक्रांति न केवल हरियाणा बल्कि तेलुगु समुदायों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे तिल (तिल) और गुड़ (गुड़) के साथ मनाया जाता है, जो क्रमशः प्रेम और मिठास का प्रतीक है।

मकर संक्रांति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने बताया कि यह त्यौहार प्रकृति में परिवर्तन का प्रतीक है। सूर्य दक्षिणी गोलार्ध (दक्षिणायन) से उत्तरी गोलार्ध (उत्तरायण) की ओर बढ़ता है, जिससे अंधकार दूर होता है और प्रकाश और गर्मी आती है। यह अवधि विकास और प्रगति का प्रतीक है।

हरियाणा में मकर संक्रांति को “संक्रांति” के रूप में बहुत हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह बेटियों का सम्मान करने और बड़ों से आशीर्वाद लेने का दिन है। इस अवसर पर लोग अपने बड़ों को सम्मान के तौर पर शॉल और कंबल भेंट करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि त्यौहार हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ये त्यौहार हमारे जीवन में रंग और उत्साह भरते हैं, सामाजिक बंधन को मजबूत करते हैं और दिलों से दुश्मनी दूर करते हैं। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण और असम तथा पूर्वोत्तर में बिहू के रूप में मनाया जाता है, जो भारत की विविधता में एकता को दर्शाता है।

उन्होंने प्रार्थना की कि लोहड़ी की पवित्र अग्नि समाज से सभी प्रतिकूलताओं को दूर कर दे, मकर संक्रांति की उड़ती पतंगें दिलों को खुशियों से भर दें तथा पोंगल की पारंपरिक मिठास उत्सव और खुशी के क्षण लेकर आए।

दत्तात्रेय ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारतीय त्यौहार देश की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक हैं। राज्यपाल ने सभी से पारंपरिक त्यौहारों को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाने का आग्रह किया, क्योंकि ऐसा करने से भारत की सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध होगी।

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