चंडीगढ़, 8 मार्च
वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों द्वारा अजनाला में एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने के कुछ दिनों बाद, सरकार ने जिलाधिकारियों को उनके और उनके आठ सहयोगियों को जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए हैं। इस कदम को उनके लाइसेंस रद्द करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
एक अन्य समर्थक बजाखन्ना, फरीदकोट के गुरभेज सिंह को दिया गया लाइसेंस 20 फरवरी को रद्द कर दिया गया था। उसके पास .32 बोर की रिवॉल्वर और .315 बोर की राइफल रखने का लाइसेंस था।
दिलचस्प बात यह है कि अमृतपाल के दो सहयोगियों, तरनतारन के वरिंदर सिंह और तलविंदर को जम्मू-कश्मीर से जारी लाइसेंस मिला था।
उन्हें शस्त्र लाइसेंस जारी करना पहले भी बहुत विवाद का विषय बना था, जब अमृतपाल ने ‘वारिस पंजाब डे’ के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था, जिसकी स्थापना दिवंगत दीप सिद्धू ने की थी।
सिद्धू का परिवार और संगठन के अन्य पदाधिकारी पूछते रहे हैं कि सरकार ने अमृतपाल और अन्य को शस्त्र लाइसेंस कैसे जारी कर दिए। अमृतपाल की अपने समर्थकों की टोली के साथ बंदूक और रायफल लेकर घूमते हुए की तस्वीरें वायरल हुई हैं। शस्त्र लाइसेंस की एक सूची से पता चलता है कि अमृतपाल के पास तरनतारन प्रशासन द्वारा जारी .32 रिवाल्वर है। लाइसेंस 2027 तक वैध है, लेकिन इसके जारी होने की तारीख का उल्लेख नहीं है।
शस्त्र लाइसेंस रखने वाले अन्य समर्थक हैं: पटियाला के हरप्रीत देवगन, जिनके पास .32 बोर रिवाल्वर, 30.06 स्प्रिंगफील्ड राइफल है; कोटकपूरा के राम सिंह बराड़, जिनके पास 12 बोर डबल बैरल राइफल और एक .32 बोर रिवाल्वर है; मोगा के गुरमीत सिंह बुकनवाला, जिनके पास .32 बोर की रिवॉल्वर है; छजली संगरूर के अवतार सिंह, जिनके पास 12 बोर की डबल बैरल राइफल है; खिलचियां, अमृतसर के हरजीत सिंह, जिनके पास 12 बोर डबल बैरल राइफल और एनपी बोर पिस्तौल है; और अमृतसर के बलजिंदर सिंह, जिनके पास एक दोनाली बंदूक, एक .32 बोर की रिवाल्वर और एक 315 बोर की राइफल है।
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