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‘सरकार गांव के द्वार’ सुदूर किन्नौर में सेवाएं लाता है

'Govt. at Village's Doorstep' Brings Services to Remote Kinnaur

राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और लोक शिकायत मंत्री जगत सिंह नेगी ने किन्नौर जिले के सांगला में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे शिपकिला और चितकुल में पर्यटन गतिविधियां शुरू करेगी ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।

आदिवासी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू दूरदराज के इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांगला, बटसेरी, रक्छम और चितकुल पंचायतों में सीवरेज परियोजनाएं चल रही हैं और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही इन्हें पूरा कर लिया जाएगा।

नेगी ने बताया कि ‘सरकार गांव के द्वार’ पहल का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना और नागरिकों को विभिन्न सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम किन्नौर सहित पूरे राज्य में चलाया जा रहा है, ताकि जनता की शिकायतों का समय पर निवारण और बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चित किया जा सके।”

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की। प्राप्त 44 शिकायतों में से 29 का मौके पर ही समाधान कर दिया गया, जबकि शेष शिकायतों का शीघ्र समाधान करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक मेगा स्वास्थ्य शिविर में लगभग 110 व्यक्तियों को निःशुल्क उपचार और दवा प्रदान की गई। आयुष विभाग द्वारा भी निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया, जिसमें 130 लोगों को लाभ मिला। राजस्व और अन्य विभागों द्वारा मौके पर ही विभिन्न प्रमाण पत्र और आधिकारिक दस्तावेज जारी किए गए।

कार्यक्रम में जमीनी स्तर पर शासन, जनजातीय उत्थान, तथा पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों के एकीकृत विकास पर सरकार के फोकस को प्रदर्शित किया गया।

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