चंडीगढ़, 24 फरवरी
राज्य सरकार अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए अद्वितीय आईडी, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) से अपने डेटा का इष्टतम उपयोग कर रही है। सबसे कम आय वाले परिवारों की पहचान करने, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए लाभार्थियों की पहचान करने के बाद, सरकार ने इस डेटा का उपयोग राज्य की आबादी को विभिन्न आयु समूहों में विभाजित करने और उन्हें समर्थन देने के उद्देश्य से विभागों को आवंटित करने के लिए किया है।
सीएम ने कहा कि सरकार ने विशिष्ट विभागों को नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। छह वर्ष तक के आयु वर्ग को महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर जरूरतमंद बच्चे की देखभाल की जा सके, भले ही वह वर्तमान में आंगनवाड़ी केंद्र में भाग ले रहा हो या नहीं। कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे, इसकी जांच के लिए छह वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के आयु वर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है।
18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक के आयु वर्ग को उच्च शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए सौंपा गया है कि प्रत्येक युवा या तो शिक्षित हो या नौकरियों के लिए कुशल हो। 25 वर्ष से अधिक और 40 वर्ष तक के आयु वर्ग को युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग को सौंपा गया है ताकि इस आयु वर्ग के युवाओं को कौशल, उद्यमिता और रोजगार सुनिश्चित किया जा सके।
60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की देखभाल सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और अंत्योदय (सेवा) विभाग द्वारा की जाएगी, जबकि 40 से 60 वर्ष की आयु वालों की देखभाल राजस्व विभाग द्वारा की जाएगी। और आपदा प्रबंधन विभाग।