भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर महिलाओं के लिए बड़ी संख्या में ब्लू-कॉलर रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को दी। उन्होंने रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु में अपने नए प्लांट में बीते आठ से नौ महीनों में करीब 30,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया है और इसमें से करीब 80 प्रतिशत महिलाएं हैं।
वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाली बड़ी फैक्ट्री की आज से 10 साल पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कुशल श्रमिक वर्ग के रोजगारों का सृजन जारी है। इससे महिलाओं को फायदा हो रहा है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, महिला सशक्तिकरण और जीवन की सुगमता पूरी तरह से प्रदर्शित हो रही है।”
देवनहल्ली में स्थित अपने नए आईफोन असेंबली प्लांट के लिए फॉक्सकॉन ने कथित तौर पर महिलाओं को नियुक्त किया है, जिनमें से अधिकांश पहली बार औपचारिक कार्यबल में शामिल हो रही हैं और इनकी आयु वर्ग मुख्य रूप से 19-24 वर्ष है। अगले वर्ष तक, कारखाने में कर्मचारियों की संख्या बढ़कर लगभग 50,000 होने की उम्मीद है।
इस प्लांट में परीक्षण उत्पादन इस वर्ष अप्रैल-मई में आईफोन 16 के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में, प्लांट में नवीनतम आईफोन 17 प्रो मैक्स मॉडल असेंबल किए जा रहे हैं। उत्पादन का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा निर्यात बाजारों के लिए है। ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इस प्रोजेक्ट में लगभग 20,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
लगभग 250,000 स्क्वायर फीट के प्रोडक्शन फ्लोर वाली यह फैसिलिटी प्रोडक्शन क्षमता और रोजगार दोनों के मामले में भारत में कंपनी की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बन जाएगी। अनुमान है कि यह नई फैसिलिटी फॉक्सकॉन के तमिलनाडु में पहले आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को भी पीछे छोड़ देगी, जिसमें अभी लगभग 41,000 कर्मचारी काम करते हैं।
अक्टूबर में, फॉक्सकॉन ने घोषणा की थी कि वह तमिलनाडु में 15,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जिससे 14,000 हाई-वैल्यू नौकरियां पैदा होंगी। फॉक्सकॉन के अभी तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में ऑपरेशन हैं, और यह नई योजनाएं भारत में इसके विस्तार का एक बड़ा संकेत हैं।


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