गुजरात पुलिस ने स्मार्ट और पेशेवर पुलिसिंग के क्षेत्र में एक और अहम उपलब्धि हासिल की। पुलिस ने राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएपआईएस) के जरिए पिछले 9 महीनों में लगभग 80 गंभीर अपराधिक मामलों को सुलझाया है। यह सफलता गुजरात पुलिस की तकनीक आधारित अपराध निवारण रणनीति को और मजबूती प्रदान करती है।
राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने कहा कि एनएएफआईएस जैसी अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से अपराधों की पहचान और समाधान की प्रक्रिया पहले से ज्यादा तेज, सटीक और भरोसेमंद हो गई है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पुलिसिंग न केवल प्रभावी हो बल्कि जनता की उम्मीदों के अनुरूप पेशेवर और स्मार्ट भी हो। तकनीक के इस्तेमाल से अपराधियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में काफी तेजी आई है।
राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) देश की सबसे बड़ी फिंगरप्रिंट डेटाबेस प्रणाली है, जिसमें लगभग 1.20 करोड़ अपराधियों का डेटा शामिल है। गुजरात पुलिस इस प्रणाली में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है और राज्य के 22 लाख से अधिक अपराधियों के फिंगरप्रिंट इस पोर्टल पर दर्ज हैं।
इस तकनीक का इस्तेमाल विभिन्न गंभीर अपराधों, जैसे हत्या, चोरी, लूट और साइबर अपराधों की जांच में किया जा रहा है। एनएएफआईएस के जरिए गिरफ्तारी के बाद अपराधियों के फिंगरप्रिंट की जांच करने से यह पता चलाना आसान हो जाता है कि वे अन्य अपराधों में शामिल हैं या नहीं।
गुजरात पुलिस की यह पहल बताती है कि अब अपराध निवारण केवल परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रहा। टेक्नोलॉजी, डेटाबेस और डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल अपराधियों की पहचान, जांच और गिरफ्तारी की प्रक्रिया को तेजी और सटीकता प्रदान करता है। विकास सहाय ने आगे कहा कि गुजरात पुलिस भविष्य में और अधिक तकनीक आधारित उपाय अपनाने की योजना बना रही है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और भरोसेमंद पुलिसिंग सेवा मिल सके।