धनबाद, 4 दिसंबर । झारखंड के धनबाद जेल में बंद कुख्यात अपराधी अमन सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया गया है। जेल में गैंगवार की इस वारदात से सनसनी फैल गई है। अमन सिंह धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के अलावा सुपारी किलिंग, रंगदारी, थ्रेट कॉल, फिरौती वसूली की दर्जन भर से ज्यादा वारदातों का आरोपी था। उसे जेल के भीतर छह से सात गोलियां मारी गईं।
गोली लगने के बाद उसे आनन-फानन धनबाद स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अमन सिंह जेल में बंद रहने के बावजूद धनबाद में आतंक का पर्याय बना हुआ था। उसे गोली मारी जाने की खबर जेल में फैलते ही चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।
जेल प्रशासन को हालात नियंत्रित करने के लिए पगली घंटी बजानी पड़ी। वारदात की खबर मिलते ही धनबाद डीसी, एसएसपी समेत तमाम आलाधिकारी जेल पहुंच गए।
राज्य पुलिस मुख्यालय ने वारदात की जांच को लेकर राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय टीम को धनबाद भेजा है। अमन को जेल में किसने गोली मारी और जेल में हथियार कैसे पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है।
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने अमन सिंह को यूपी के मिर्जापुर जेल के बाहर मई, 2021 में अमन सिंह को गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को सुपुर्द किया था। धनबाद जेल में आते ही अमन सिंह के गैंग की हुकूमत सिर्फ जेल के भीतर नहीं, बल्कि पूरे धनबाद कोयलांचल में चलने लगी। उसका गैंग धनबाद व बोकारो के व्यापारियों- डॉक्टरों से रंगदारी वसूलने लगा। उसने सुपारी लेकर कई लोगों की हत्याएं कराई थीं।
अमन सिंह गैंग ने गुजरात वालसाड के बीजेपी नेता शैलेश पटेल की हत्या भी करवाई थी। उसके गुर्गे आजमगढ़ निवासी वैभव यादव व अयोध्या निवासी आशीष उर्फ सत्यम ने दो और शूटरों के साथ मिल कर शैलेश पटेल को छलनी कर दिया था।
बंगाल के आसनसोल के बीजेपी नेता राजू झा की हत्या भी अमन गैंग ने ही करवाई थी। धनबाद के बरवाअड्डा कुर्मीडीह निवासी राजकुमार साव की हत्या का आरोप भी अमन सिंह गैंग पर लगा था।
हालांकि धनबाद पुलिस अमन सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अदालत में प्रमाणित करने में फिर सफल नहीं हो पा रही थी। कोर्ट ने उसे कई मामलों में बरी कर दिया था।
इधर, जेल में हत्या की वारदात को लेकर झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीधे सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “धनबाद जेल में बंद कुख्यात अपराधी अमन सिंह की जेल में ही गोली मार कर हत्या कर दिये जाने की खबर झारखंड की क़ानून व्यवस्था की पोल खोल रही है। मैं शुरू से ही कहता रहा हूँ कि जब जेल में बंद अपराधी, दलाल, बिचौलिये अधिकारियों और सत्ताधारियों से मिलकर जेल से ही मोबाइल के ज़रिए सरकार चलायेंगे, वसूली करवायेंगे तो अपराध आख़िर कैसे कम होगा? जब राज्य का मुखिया ही अपराधियों को संरक्षण देकर वसूली करवायेगा, उन्हें जेल में सारी सुख-सुविधा मुहैया करा कर सरकार चलवायेगा तो जेल में हथियार तो पंहुचेगा ही।”
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