राजस्थान के भ्रष्टाचार-विरोधी ब्यूरो (एसीबी) की एक टीम ने गुरुग्राम पुलिस के एक सहायक सब इंस्पेक्टर (एएसआई) को जोधपुर में 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोप है कि एएसआई ने वाहन चोरी के एक मामले में आरोपी को पुलिस हिरासत के दौरान परेशान न करने और मामले में उसकी मदद करने के बदले में 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
राजस्थान पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी की पहचान एएसआई प्रवीण कुमार के रूप में हुई है, जो गुरुग्राम के पालम विहार क्राइम ब्रांच में तैनात थे।
राजस्थान एसीबी के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) भुवन भूषण यादव ने बताया कि गुरुग्राम के पालम विहार स्थित क्राइम ब्रांच के एएसआई प्रवीण को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। उनके साथ मौजूद अन्य हरियाणा पुलिस अधिकारियों की भूमिका का अभी खुलासा नहीं किया गया है।
पुलिस के अनुसार, गुरुग्राम के सदर पुलिस स्टेशन में वाहन चोरी का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और वह फिलहाल रिमांड पर है। एएसआई प्रवीण शुक्रवार को आरोपी को सत्यापन और जांच के लिए जोधपुर ले आए। इस दौरान उन्होंने आरोपी के परिवार से संपर्क किया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी के परिवार ने निराधिक अवधि के दौरान उसके साथ मारपीट न करने और सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था, जिसके बदले में एएसआई ने 3 लाख रुपये की मांग की। पीड़ित ने एसीबी की ग्रामीण चौकी में लिखित शिकायत दर्ज कराई। एसीबी ने जांच की और 3 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की पुष्टि की।
इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर शिकायतकर्ता को रिश्वत देने के लिए एएसआई के पास भेजा। शिकायतकर्ता के पास 1.50 लाख रुपये असली नोटों में और बाकी 1.50 लाख रुपये नकली नोटों में थे। एएसआई प्रवीण ने उसे जयपुर राजमार्ग पर स्थित कपराडा पुलिस स्टेशन के बाहर बुलाया, जहां शिकायतकर्ता ने उसे 3 लाख रुपये सौंप दिए। सूचना मिलते ही एएसपी पारस सोनी के नेतृत्व में एसीबी ने एएसआई प्रवीण को 3 लाख रुपये के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। उसे पुलिस स्टेशन ले जाया गया और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

