प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यहां सेक्टर 89 में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट ‘ग्रीनपोलिस’ के विकास में कथित 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर कार्रवाई की है।
ईडी ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि 25 नवंबर को उसने दिल्ली-एनसीआर में 14 स्थानों पर रियल एस्टेट एजेंट के परिसरों पर छापेमारी की थी और बिल्डर के कार्यालय से कई दस्तावेज, लग्जरी कारें, 31.22 करोड़ रुपये की सावधि जमा और बैंक गारंटी जब्त की थी।
कंपनी के प्रमोटरों के बैंक खाते और लॉकर भी फ्रीज कर दिए गए हैं और समूह के एक निदेशक और प्रमोटर के घर से चार लग्जरी कारें जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई ओरिस के निदेशकों और प्रमोटरों विजय गुप्ता और अमित गुप्ता के साथ-साथ थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों और निदेशकों निर्मल सिंह उप्पल और विधुर भारद्वाज पर लक्षित थी।
ईडी ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर उनके खिलाफ जांच शुरू की। धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए घर खरीदने वालों और निवेशकों की शिकायतों के बाद ये एफआईआर दर्ज की गईं।
ग्रीनपोलिस 47 एकड़ में फैला हुआ है, जिसका स्वामित्व ओरिस समूह के पास है। इसके बाद, परियोजना के विकास के अधिकार थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए।
ईडी के बयान में कहा गया है, “आरोप है कि ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों और निदेशकों के माध्यम से, थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों और निदेशकों के साथ मिलीभगत करके, निर्धारित समय के भीतर परियोजना को पूरा करने में विफल रहने और घर खरीदारों और निवेशकों को आवासीय इकाइयां नहीं देकर घर खरीदारों की मेहनत की कमाई को हड़पने की साजिश रची।”
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